बीएचयू विधि संकाय के शताब्दी वर्ष पर सम्मेलन, न्यायविदों ने रखे विचार
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विधि संकाय के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन शनिवार को किया गया। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय (सेवानिवृत), चांसलर, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा सम्मानित अतिथि प्रो. एनएल मित्रा, एनएलयू बैंगलोर के पूर्व कुलपति की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलन और महामना की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। उसके बाद मंगलाचरण तथा कुलगीत का गान हुआ।
उद्घाटन सत्र समृद्ध तरीके से संपन्न हुआ। इसमें प्रो. मित्रा ने कानूनी शिक्षा में अपने व्यापक अनुभव से प्राप्त अमूल्य दृष्टिकोण को साझा किया। सत्र की अध्यक्षता प्रो. पीके मुखोपाध्याय, पूर्व प्रमुख, दर्शनशास्त्र विभाग, जादवपुर विश्वविद्यालय ने किया। राष्ट्रगान के साथ उद्घाटन सत्र का समापन किया गया। सम्मलेन में उद्घाटन सहित 9 सत्र शामिल थे। इस सम्मेलन के लिए देशभर से कुल 300 से भी अधिक प्रतिभागियों ने अपनी उपस्थिति दिखाई। सम्मेलन में देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों और ज्ञानसाधन व्यक्तियों का स्वागत किया गया। इस सम्मेलन में 23 से भी अधिक राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सीपी उपाध्याय ने बताया कि सम्मेलन में न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय (सेवानिवृत), चांसलर, बीएचयू, प्रो. एनएल मित्रा के अलावा प्रो. आर. वेंकट राव, कुलपति, इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईयूएलईआर) गोवा, डॉ. बीसी निर्मल, पूर्व प्रमुख एवं डीन, विधि संकाय, बीएचयू एवं पूर्व कुलपति एनयूएसआरएल, रांची, प्रो. (डॉ.) उषा टंडन, कुलपति, डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज, प्रो. (डॉ.) योगेश प्रताप सिंह, कुलपति, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी त्रिपुरा, प्रो. (डॉ.) अंजू वली टिकू, डीन, विधि संकाय, विधि विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रो. ब्रजकिशोर स्वाईं, डॉ. पीवी काणे गोल्ड मेडल के प्राप्तकर्ता, प्रो. अमर पाल सिंह, पूर्व डीन, यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज, आईपी यूनिवर्सिटी आदि ने विचार व्यक्ति किए। रविवार को भी आयोजन होगा।