बीएचयू के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती समारोह, महामना के योगदानों का किया गया स्मरण
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित आयुर्वेद संकाय धनवंतरी सभागार भवन में महामना के योगदान को स्मरण करने के लिए भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय का जयंती समारोह मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉक्टर एस. एन. संखवार, विशिष्ट अतिथि एसीपी भेलूपुर अतुल अंजान त्रिपाठी, कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर हरिकेश सिंह, संरक्षक आयोजन समिति डॉ. संतोष कुमार सिंह, आयुर्वेद संकाय के संकाय प्रमुख प्रोफेसर पीके गोस्वामी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मालवीय के प्रतिमा पर पुष्पांजलि दीप प्रज्वलन और कुलगीत के साथ हुआ। स्वागत भाषण प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान काफी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में बतौर उपस्थित विशिष्ट अतिथि अतुल अंजान त्रिपाठी ने मालवीय मूल्यों को आत्मसात करने की बात कही। मुख्य अतिथि डॉ. एस.एन.शंखवार ने मालवीय के जीवन पथ पर चलने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर हरकेश बहादुर सिंह के बातों पर हाल में बैठी छात्राओं ने भी पंडित मदन मोहन मालवीय के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। प्रोफेसर हरकेश बहादुर सिंह ने कहा कि महामना का सपना था कि बीएचयू में सभी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई हो जिसमें छात्राओं का भी पूर्ण रूप से सहभागिता हो। उन्होंने कहा कि आज छात्राएं और महिलाएं कहीं से भी पीछे नहीं है।
कार्यक्रम के दौरान धन्यवाद ज्ञापन आशुतोष सिंह यीशु ने किया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं मां सरस्वती व महामना के प्रति आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे इस कार्यक्रम के आयोजन की शक्ति प्रदान की तत्पश्चात मालवीय के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। जिनकी प्रेरणा से यह कार्यक्रम मूर्त रूप ले सका एवं भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन पर विस्तार से चर्चा किया।
कार्यक्रम का संचालन इतिहास विभाग के शुभम त्रिपाठी ने किया। इसमें मुख्य रूप से अभय, शिवांश, गुलाम, सत्यम, दिलराज, अजय, अजित, श्रीयांशु, रामेस्टवीर, बिनीत, आदि लोग उपस्थित रहें।