BHU में भरतनाट्यम से मां दुर्गा की आराधना, कलाकारों ने दी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संगीत एवं मंचकला संकाय में गुरुवासरीय संगीत सभा का आयोजन किया गया, जहां युवा और प्रतिष्ठित कलाकारों ने अपने सुरों और नृत्य से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन पंडित ओंकारनाथ सभागार में हुआ, जिसमें कलाकारों ने नवरात्रि के अवसर पर मां दुर्गा की आराधना भरतनाट्यम और शास्त्रीय संगीत के माध्यम से की।
कार्यक्रम की शुरुआत वायलिन वादक डॉ. निशांत चंद्रन ने की। उन्होंने वायलिन पर राग हंसध्वनि, राग कान्हड़ा और राग कल्याणी में निबद्ध मुत्थूस्वामी दीक्षितर, स्वाति तिरुनाल तथा संत त्यागराज की मधुर कृतियों को प्रस्तुत किया। उनके साथ मृदंगम पर डॉ. बी. सत्यवर प्रसाद ने संगत की, जिससे प्रस्तुति और भी प्रभावी बन गई।
इसके बाद शास्त्रीय युगल भरतनाट्यम की मनोहारी प्रस्तुति हुई, जिसमें नागरंजीता एस और रूपम रघुवंशी ने अपनी कला से दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने नवरात्रि के पावन अवसर पर "मां तू मंगल करनी" पर भरतनाट्यम प्रस्तुत किया। इसके बाद "वक्रतुंड महाराज गणपतिम" और "जातिस्वरम" पर नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी, जिससे कार्यक्रम का समापन हुआ। इन प्रस्तुतियों ने देवी की आराधना को शास्त्रीय नृत्य के माध्यम से जीवंत किया। कार्यक्रम में तबले पर मोहित भादुड़ी, आनंद मिश्र, संवादिनि पर राघवेन्द्र शर्मा, वायलिन पर हेमंत कुमार, और गायन में अलंकृता भट्ट ने सधी हुई संगति प्रदान की, जिससे प्रस्तुति और भी यादगार बन गई।
इस आयोजन का स्वागत संकाय प्रमुख प्रो. संगीता पंडित ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत गायन विभाग की अलंकृता रॉय और शमयिता पंजा ने "मंगल मूरति मारुति नंदन" की प्रस्तुति से की, जिसने श्रोताओं को संगीतमय माहौल में बांध लिया। इस अवसर पर वाग्देवी माता सरस्वती, पंडित मदन मोहन मालवीय, और पंडित ओंकार नाथ ठाकुर को पुष्पांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रामशंकर, आयोजन सचिव डॉ. कुमार अंबरीष चंचल, और संचालन कृष्ण कुमार उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर प्रेमचंद्र होम्बल, डॉ. स्वरवंदना शर्मा, प्रो. लयलीना भट्ट, प्रो. विधि नागर, और डॉ. प्रेम नारायण सिंह उपस्थित रहे।