बीएचयू में ‘बैलेंस बियॉन्ड बुक्स’ कार्यशाला आयोजित, छात्रों को मिला स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संदेश

 

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वेल-बीइंग सर्विसेज सेल की ओर से विश्व नैदानिक व्यायाम फिजियोलॉजी दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का विषय था – “बैलेंस बियॉन्ड बुक्स: थ्राइव एंड स्ट्राइव – ए लाइफस्टाइल ब्लूप्रिंट फॉर एकेडमिक एंड करियर वाइटैलिटी”। इसमें लगभग 250 छात्रों ने भाग लिया।

इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को यह समझाना था कि जीवनशैली की आदतें जैसे शारीरिक गतिविधि, पर्याप्त नींद और संतुलित पोषण न केवल पढ़ाई और करियर में मददगार होते हैं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक संतुलन और दीर्घकालिक सफलता के लिए भी जरूरी हैं।

कार्यशाला की प्रमुख बातें

छात्रों को तनाव प्रबंधन, आत्म-देखभाल और संतुलित जीवन जीने के व्यावहारिक उपाय बताए गए।

चोट से बचाव, सही मुद्रा और पुनर्वास अभ्यासों के महत्व पर जोर दिया गया।

छात्रों को यह भी बताया गया कि किस तरह छोटे-छोटे व्यायाम, संतुलित आहार और नींद की सही दिनचर्या उनकी एकाग्रता और ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं।

विशेषज्ञों के विचार

प्रो. अनुपम कुमार नेमा (छात्र अधिष्ठाता) ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने में शारीरिक फिटनेस की अहम भूमिका है।

नित्यानंद तिवारी (कार्यशाला समन्वयक व स्टूडेंट काउंसलर) ने कहा कि जीवन की असली शक्ति तभी आती है जब हम अपनी दिनचर्या में व्यायाम, आराम और पौष्टिक आहार को शामिल करें।

डॉ. हंजबम बरुन शर्मा (स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज मेडिसिन लैब) ने सरल दैनिक व्यायाम का प्रदर्शन किया और छात्रों को सक्रिय रहने के फायदे बताए।

डॉ. आशीष कुमार गुप्ता ने अच्छी नींद और संतुलित आहार के महत्व पर प्रकाश डाला।

डॉ. संकल्प झा ने समझाया कि क्लिनिकल एक्सरसाइज फिजियोलॉजिस्ट मानसिक स्वास्थ्य और पढ़ाई में सहनशक्ति को मजबूत करते हैं।

डॉ. शुभम श्रीवास्तव (हड्डी रोग विभाग) ने चोट से बचाव और पुनर्वास की अहमियत बताई।

डॉ. आलोक कुमार पांडे ने जीवनशैली डिजाइन को छात्रों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण बताया।

आयोजन का महत्व

कार्यशाला में छात्रों को प्रेरित किया गया कि वे अपने दैनिक चुनावों (जैसे खान-पान, नींद और व्यायाम) को अपने शैक्षणिक और करियर लक्ष्यों से जोड़ें। इस पहल ने यह संदेश दिया कि पढ़ाई के साथ-साथ अगर विद्यार्थी स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं, तो वे हर क्षेत्र में ज्यादा सफल और संतुलित जीवन जी सकते हैं।

कार्यक्रम की सफलता में वेल-बीइंग सर्विसेज सेल की टीम, एसआरके फेलो और छात्र समन्वयकों का विशेष योगदान रहा। संचालन विकास तिवारी ने किया।