काशीवासियों को आशीर्वाद देने स्वर्णिम रथ पर सवार होकर निकले बाबा कालभैरव, उमड़े श्रद्धालु
वाराणसी। देवाधिदेव महादेव की नगरी में काशी के कोतवाल बाबा श्रीकालभैरव स्वर्ण रजत निर्मित पंचबदन प्रतिमा की भव्य 70वीं शोभायात्रा निकली। इस दौरान काशी कोतवाल के दर्शन के लिए सड़कों और गलियों में श्रद्धालु उमड़ पड़े।
पूर्वांचल व काशी के जनप्रतिनिधि, पीठाधीश्वर, सामाजिक व आध्यात्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि स्वर्णकार समाज के लोग तथा काशी कि हजारों धर्म परायण जनता स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी की ओर से सन 1954 में निर्मित बाबा श्री काल भैरव के स्वर्ण - रजत प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा प्रतिवर्ष आषाढ़ सुदी द्वितीया के दिन स्वर्णकार बंधु निकालते हैं। शोभायात्रा के प्रारंभ में चौखंभा स्थित काठ की हवेली पर अध्यक्ष कमल कुमार सिंह, महामंत्री सतीश कुमार सिंह, शोभायात्रा मंत्री जनार्दन वर्मा एवं कमेटी के पदाधिकारियों सहित उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने बाबा की आरती उतारी। आस्थावानों ने सुबह से ही चौखंभा, कालभैरव क्षेत्र में पहुंचकर बाबा के दर्शन कर शोभायात्रा में पदयात्रा करते हुए अपने को धन्य होने के लिए आतुर रहे। शोभायात्रा में आगे ताशा बाजा के साथ ध्वजा पताका लिए श्रद्धालु चल रहे थे तथा 11 छतरी युक्त घोड़ों पर देव स्वरूप धारण किए उनके गणों के साथ बैंड बाजा और पाइप बैंड की धुनों के साथ टोली निकली। कमेटी के संस्थापक स्वर्गीय किशुनदास और स्वर्गीय भीखू सिंह की तस्वीर भी सुसज्जित ट्राली पर चल रही थी। माता काली, मां दुर्गा की प्रतिमाएं भी अपने करतब दिखाते हुए प्रदर्शन कर रही थीं।
शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती, हनुमान जी तथा काली जी सहित अनेक देव स्वरूप शामिल रहे। साथ ही नीरज सेठ की टीम के कलाकार शोभायात्रा के दौरान संगीतमय भजन प्रस्तुत कर रहे थे, इससे पूरे रास्ते भर भक्तिमय वातावरण का माहौल था। शोभायात्रा के दौरान गोविंदेश्वर महादेव की झांकी आकर्षण का केंद्र रहा तथा टीम के सदस्य डमरुओं की गड़गड़ाहट से पूरे क्षेत्र को गुंजायमान कर रहे थे। शहनाई के साथ बाबा श्री कालभैरव जी की स्वर्ण - रजत प्रतिमा स्वर्णिम रथ पर विराजमान थी तथा बाबा ने रथ पर भ्रमण कर अपने भक्तों के दुख दर्द को सुना। रास्ते भर भक्तों को प्रसाद का वितरण किया जा रहा था। शोभायात्रा अपने परंपरागत मार्ग चौखंभा स्थित काठ की हवेली से उठकर बीबीहटिया, जतनबर, विशेश्वरगंज, महामृत्युंजय, दारानगर, मैदागिन, बुलानाला, चौक, नारियल बाजार, गोविंदपुरा, ठठेरी बाजार, सोराकुआं, गोलघर होते हुए कालभैरव चौराहे तक गई, जहां बाबा की भव्य आरती उतारकर प्रतिमा को मंदिर में प्रतिस्थापित किया गया। सायंकाल पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में 11 भूदेवों ने श्री राम मंदिर में बसंत पूजन किया। मंदिर में रात्रि 11 बजे महाआरती तक भक्तों को दर्शन प्राप्त हुए तथा मंदिर प्रांगण से प्रसाद का वितरण होता रहा।
इस दौरान राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी, राज्यमंत्री डा. दयाशंकर मिश्र दयालु, विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, महापौर अशोक तिवारी, भाजपा महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास, श्री राम मंदिर के महंत रामअवध दास, श्यामसुंदर सिंह, अनुज गौतम, महेश सिंह, संदीप सेठ, जितेंद्र सेठ, संजय सेठ, जनार्दन वर्मा, किशोर सेठ, रीता सेठ, कनकलता मिश्रा, संजय विश्वंभरी, लकी भारद्वाज, विक्की यादव, बृजकिशोर दास गुजराती, अशोक सेठ, संजय शाह, किशोर सेठ, अजीत सिंह, मनोज सिंह, अजय सेठ राजवीर, विपुल गुजराती, मधु शाह, डॉ राजेंद्र त्रिवेदी, देवेंद्र सेठ, घनश्याम दास, गंगाराम, सरोज सेठ, विनोद कुमार सेठ, श्याम सुंदर सिंह, रवि सर्राफ, कृष्ण कुमार सेठ, मुरली मनोहर सिंह, डॉ कैलाश सिंह विकास, नरसिंह दास, सुरेंद्र सोनी, रविशंकर सिंह, अशोक वर्मा, दुर्गा प्रसाद एडवोकेट, देवकांत वर्मा, शैलेश चंद्र वर्मा, नरेंद्र सोनी के साथ घनश्याम सेठ, अनुज गौतम, सत्य प्रकाश सेठ, श्याम कुमार सर्राफ, राजू वर्मा, प्रताप सिंह, अवधेश सेठ, अमित सोनी, जनार्दन वर्मा, विशाल सेठ, रविशंकर, सुरेंद्र सेठ एडवोकेट, संदीप सेठ, आशीर्वाद सिंह, भगवान दास, महेश सिंह, जितेंद्र सेठ, विक्रम सिंह, कृष्ण कुमार पवार, किशन सेठ, अजीत सोनी, श्याम जी सेठ, संजय सिंह संजू, राजन सेठ, मनोज सेठ, संजय वर्मा, सर्वेश वर्मा, अनूप गौतम, राजेश सोनी, नीरज सेठ, विनोद सेठ, रामप्रकाश लाले, किशन सेठ आदि रहे।