शुभ विवाह: कम मुहूर्त, लॉन समेत ज़रूरी सामानों की बढ़ी बम्फर डिमांड, बढ़े रेट के कारण सर्द मौसम में भी लोगों के छूटे पसीने
वाराणसी। लगन का सीजन शुरू हो चुका है। इस बार शादियों के सीजन में शुभ मुहूर्त कम हैं। जिस दिन भी शादियां हैं, अच्छी खासी संख्या में हैं। ऐसे में विवाह समरोह में लॉन, कैटरर्स, हलवाई, डेकोरेटर आदि की डिमांड काफी बढ़ गई है। जिसके चलते इनके रेट में भी काफी तेजी आई है। 14 दिसंबर तक विवाह समारोह के आधा दर्जन शुभ मुहूर्त निकले हैं। वहीं खरमास बीतने के बाद जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल तक के लगन के लिए लॉन और बाकि चीज़ें पहले से ही बुक हो चुके हैं।
चार दिसम्बर को लग्न इतनी तगड़ी है कि चार हजार से अधिक शादियां उस तारीख को हैं। इस तारीख के लिए शहर और देहात के सभी लॉन, वैंक्वेट हॉल बुक है। आगे की तारीखों के लिए हाउसफुल का बोर्ड टंगा हुआ है। ऐसे में बुकिंग को लेकर हाय-तौब्बा मची हुई है। यहीं नहीं, दुल्हे को मनपसंद वाहन देने के लिए लकड़ी वालों को सर्द मौसम में भी पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि ऐसे वाहनों के बुकिंग की भी लंबी कतार लगी है।
वैवाहिक समारोह बाजार से जुड़े लोगों की मानें तो शहर के प्रमुख मैरिज हालों, वैक्वेंट हाल, बैंडबाजा, कैटरर्स, टेंट, आतिशबाजी, लाइटिंग, डेकोरेटर्स, ब्यूटी पॉर्लर, हलवाई, बग्घी, डीजे आदि की बुकिंग हो चुकी है। दिसम्बर में तीन, चार, सात, आठ, नौ, 13 व 14 तारीख को सर्वोत्तम विवाह मुहूर्त हैं। इन तिथियों में भी मैरिज हाल व बैंडबाजे वाले को खोजना थोड़ा कठिन है, लेकिन शहर के बाहरी इलाकों में भी यही हाल है। ऐसे में लोग अगले साल की लग्न को लेकर लोग ज्यादा उत्साहित हैं। जनवरी और फरवरी के लिए ज्यादा बुकिंग हो रही है।
शादी समारोह के चालू सीजन में लगन कम और शादी-विवाह करने वालों की संख्या अधिक होने के कारण ऐसी मारामारी है कि ना सिर्फ मिठाइयों के लिए दूध के लिए बल्कि फूलों की डिमांड के अनुसार सप्लाई नहीं हो पा रही। फूल की तो स्थिति यह है कि डिमांड से 30-35 प्रतिशत से भी कम सप्लाई होने के कारण दीपावली के समय बिकने वाले रेट के मुकाबले अभी दोगुने दाम में फूल बिक रहे हैं। कमोबेश यही स्थिति लगन के इस सीजन के दौरान बैंडबाजे, टेंट-पंडाल, गाड़ी-घोड़ा, हलवाई, डेकोरेटर्स, आतिशबाजी, लाइटिंग, डीजे व कैटरर्स सहित लगन में उपयोग में आने वाले सजावटी सामग्री व अन्य सामान की है। एक-एक लग्न में डबल-ट्रिपल बुकिंग के बावजूद इन सामग्रियों की उपलब्धता आयोजकों के लिए एक समस्या बनी है।
मैरेज समारोहों से जुड़े कारोबारियों के मुताबिक, मैरिज हालों की बुकिंग दिसम्बर ही नहीं जनवरी और फरवरी तक विवाह समारोहों के लिए लगभग हो चुकी है। मार्च और अप्रैल के लिए बुकिंग अंतिम दौर में गई है। मैरेज हाल ही नहीं टेंट, कैटरर्स आदि का भी कमोवेश यहीं हाल है। किराए पर मिलने वाले दुल्हन सेट भी बुक हो चुके हैं। अब तो अगले साल के लिए भी बुकिंग होने लगी है। पंडितों का कहना है कि 16 दिसम्बर को सूर्य के धनु राशि में आने से खरमास शुरू हो जाएगा। इस दौरान शादियां नहीं होतीं। ऐसे में अगले साल मकर संक्रांति के बाद 18 जनवरी से फिर से विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे।