बरेका विजयादशमी समिति की राम कथा, राम वन गमन का मार्मिक प्रसंग सुन भावुक हुए श्रोता

बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) की विजयादशमी समिति की ओर से आयोजित श्री राम कथा में साधना शास्त्री ने भगवान श्री राम के जीवन के अत्यंत भावुक और प्रेरणादायक प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने राम, लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न के जनकपुर से अयोध्या लौटने और राम वन गमन का प्रसंग सुनाकर भावविभोर कर दिया। 
 

वाराणसी। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) की विजयादशमी समिति की ओर से आयोजित श्री राम कथा में साधना शास्त्री ने भगवान श्री राम के जीवन के अत्यंत भावुक और प्रेरणादायक प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने राम, लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न के जनकपुर से अयोध्या लौटने और राम वन गमन का प्रसंग सुनाकर भावविभोर कर दिया। 

प्रवचन के दौरान साधना शास्त्री ने राजा दशरथ द्वारा भगवान राम के राज्याभिषेक की तैयारियों और मंथरा के कुटिल षड्यंत्र का संवेदनशील वर्णन किया। जैसे-जैसे कथा मंथरा की चालों और कैकेयी के क्रोध में जाने की घटनाओं की ओर बढ़ी, श्रोताओं का ध्यान कथा में और गहराई से बंध गया। उन्होंने इस प्रसंग को जीवंत करते हुए बताया कि किस प्रकार भगवान राम ने वनवास को सहर्ष स्वीकार कर जीवन के आदर्शों का पालन किया।

श्री राम का वन गमन, राजा दशरथ का विलाप, और अयोध्या के नागरिकों की पीड़ा ने सभी की आंखों को नम कर दिया। साधना शास्त्री के ओजस्वी प्रवचन ने श्रोताओं को भगवान राम के त्याग और मर्यादा की महत्ता से अवगत कराया। इस मार्मिक प्रसंग ने सभी श्रद्धालुओं के मन में भगवान राम के आदर्श चरित्र की गहरी छाप छोड़ी। कार्यक्रम में भारी संख्या में भक्तों ने भाग लिया। श्री राम के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। विजयादशमी समिति द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल अत्यंत सफल रहा, बल्कि श्रद्धा और भक्ति से भरा हुआ भी था।