मदन मोहन मालवीय के जयन्ती के उपलक्ष्य में आश्रय सेवा संस्था द्वारा अभिनंदन एवं सम्मान समारोह का आयोजन
वाराणसी। सोमवार 25 दिसंबर को भारतरत्न महामना पं. मदनमोहन मालवीय जयन्ती के उपलक्ष्य में महामना की मानस संतति का अभिनंदन एवं सम्मान का भव्य आयोजन आश्रय सेवा संस्था द्वारा सुबह-ए-बनारस के सहयोग से अस्सी घाट सुबह-ए-बनारस मंच पर साकार हुआ। जिसमें महामना के आदर्शो पर चलने वाले तथा समाज में उल्लेखनीय योगदान देने वाले तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त 61 विशिष्ट विभूतियों को सम्मानित किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. जे. पी. एस राठौर थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक प्रो. हरिशंकर शुक्ला ने तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य तथा पद्मश्री प्रो. सरोज चूड़ामणि गोपाल सम्मिलित हुए। इसी क्रम में सर्वप्रथम तबला वादक अंकित कुमार सिंह के नेतृत्व में वाद्य वृंद की मनोहारी प्रस्तुति रही। जिसमे पखावज पर रहे आदित्यदीप तथा वायलिन पर नंदिनी तथा गिटार पर राघवेंद्र नारायण तथा बांसुरी पर साथ दिया हरि पौडयाल ने।
इसी के साथ ही महामना के जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जे. पी. एस राठौड़ ने किया। इसी क्रम में आयोजन का विधिवत् शुभारम्भ अतिथियों द्वारा महामना की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के माध्यम से हुआ। इसके उपरान्त मंच कला संकाय की छात्राओं ने बीएचयू के कुलगीत का ‘‘मधुर मनोहर’’ का गायन प्रस्तुत किया।
इसके उपरान्त विशिष्ट जनों मुख्य अतिथि सहकारिता मंत्री यूपी जेपी एस राठौड़ तथा कार्यक्रम अध्यक्ष प्रख्यात शल्य चिकित्सक प्रो. हरिशंकर शुक्ला तथा विशिष्ट अतिथि पद्मश्री प्रो. राजेश्वर आचार्य एवं पद्मश्री प्रो. सरोज चूड़ामणि गोपाल का सम्मान स्मृति चिन्ह्, अंगवस्त्रम् तथा माल्यार्पण के द्वारा डॉ. वीरेंद्र प्रताप सिंह तथा डॉ. रत्नेश वर्मा द्वारा किया गया। आरंभ में स्वागत उद्बोधन करते हुए कार्यक्रम संयोजक एवं आश्रय सेवा संस्थान के सचिव डॉ. वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज का यह सम्पूर्ण आयोजन महामना के यश को उनकी जयन्ती पर नमन करने का कृतज्ञ प्रयास है।
आयोजन के उद्देश्य एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए सुबह-ए-बनारस के सचिव डॉ. रत्नेश वर्मा ने इस आयोजन को भावी पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रख्यात शल्य चिकित्सक प्रो. हरिशंकर शुक्ला ने महामना के व्यक्तित्व को ऊर्जा एवं प्रेरणा का अखंड प्रतीक बताया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का कुशल समन्वयन तथा संचालन पं. प्रमोद मिश्र द्वारा किया गया।