अनेन क्रीडकेन अपरः क्रीडकः गृहीतः ... धोती व जनेऊ धारण कर शिखाधारी छात्रों ने खेली कबड्डी, संस्कृत में हुई कमेंट्री, वाराणसी में अनोखा आयोजन

 

वाराणसी। अनेन क्रीडकेन अपरः क्रीडकः गृहीतः ... शहर के सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शुकवार को संस्कृत में कमेंट्री के साथ पारम्परिक वेष-भूसा में कबड्डी का आयोजन किया गया। इस दौरान संस्कृत में कमेंट्री भी हुई। इस प्रतियोगिता में कुल 6 मैच खेले गये। जिसमें प्रत्येक टीम में 8 छात्र शामिल हुए। जिसमें वाराणसी के  श्री स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ की टीम विजेता रही। विजेता टीम को शील्ड व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस कबड्डी की खास विशेषता यह रही कि सभी ख़िलाड़ी पारंपरिक वेशभूषा धोती व जनेऊ में नजर आये। सभी ख़िलाड़ी शिखा धारण किए हुए थे। सबसे बड़ी बात कि इस पूरे खेल में कमेंट्री संस्कृत में हुई। खेल का शुभारंभ स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तथा स्वामी स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय के मध्य हुआ। स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय की टीम ने टॉस जीता।

प्रथम मैच के प्रथम क्रम में दोनों टीमों ने समान अंक प्राप्त किया, प्रथम क्रम के समापन के बाद दोनो टीमों ने पक्षों का आदान प्रदान किया तथा इसके साथ ही द्वितीय क्रम का प्रारंभ हुआ। द्वितीय क्रम में स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तीन अंकों से विजयी हुई। 

दूसरा मैच विश्वेश्वर वेद भवनम् तथा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मध्य हुआ। विश्वेश्वर वेद भवनम् की टीम ने टॉस जीता। प्रथम क्रम में विश्वेश्वर वेद भवनम् की टीम ने जीत हासिल की। इस पारी के द्वितीय क्रम में भी विश्वेश्वर वेद भवनम् ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की। 

तीसरा मैच इंटरनेशनल चंद्रमौली चैरिटेबल ट्रस्ट तथा वेद विद्यानिधि के मध्य हुआ।  वेद विद्यानिधि की टीम ने टॉस जीतकर आक्रमणकारी को बुलाने का निर्णय किया। प्रथम क्रम में दोनों टीमों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 14-14 समान अंक अर्जित किए तथा दूसरे क्रम के लिए पक्षों का परिवर्तन किया। दूसरे क्रम में वेद विद्यानिधि की टीम ने 24 अंक से जीत हासिल की। तीनों मैचों के समापन के बाद स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ, विश्वेश्वर वेद भवनम्, श्री स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय तथा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की टीम सेमीफाइनल मे गई। 

फाईनल मैच स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तथा विश्वेश्वर वेद भवनम् के मध्य हुआ। जिसमें वेदांती वेद विद्यापीठ सर्वाधिक 24 अंक प्राप्त करके प्रथम विजेता तथा विश्वेश्वर वेद भवनम् नें 19 अंक अर्जित करने के साथ ही द्वितीय विजेता रही।

खेल निर्णायक के रूप में डॉ. जयंतपति त्रिपाठी तथा डॉ. दुर्गेश पाठक उपस्थित रहे। प्रो. दिनेश गर्ग विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में तथा प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कुलसचिव राकेश कुमार ने खेल मैदान में उपस्थित होकर कहा कि कबड्डी हमारे देश का पारंपरिक खेल है, इसमें किसी भी प्रकार के खेल सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है। केवल मैदान और शारिरिक रूप से स्वस्थ खिलाड़ियों की जरूरत है। यह पूर्ण रूप से शारीरिक खेल है इसको खेलने से शारीरिक रूप से बलिष्ठ बनते हैं। यह खेल हमेशा करते रहे जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के साथ साथ शहरों में भी जीवित रहे, भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र इसमें अग्रगणीय भूमिका निभा रहा है।

इसके बाद  पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें अध्यक्षता मुख्य अतिथि आईकेएस के समन्वयक  प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी रहे। कुलसचिव राकेश कुमार ने प्रथम विजेता टीम को शील्ड एवं प्रमाणपत्र प्रदान किया। इसके बाद  द्वितीय एवं तृतीय टीम को भी प्रमाणपत्र एवं चतुर्थ टीम को सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। अन्य सभी प्रतिभागी टीम के खिलाडियों को भी समन्वयक आईकेएस के द्वारा प्रमाणपत्र दिया गया। इस कार्यक्रम में अध्यापक,अनुसंधाता, कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।