चकबंदी में धांधली का आरोप, टिकरी गांव के ग्रामीणों ने PM को भेजा पत्र, विधायक ने दिए जांच के निर्देश

 
वाराणसी। काशी विद्यापीठ ब्लॉक के अंतर्गत टिकरी गांव के ग्रामीणों में वर्षों से चल रही चकबंदी प्रक्रिया को लेकर गहरा असंतोष है। गांव में बीते 30 वर्षों से अधूरी चकबंदी प्रक्रिया अब विवाद और नाराजगी का कारण बन चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि चकबंदी के नाम पर उन्हें न्याय नहीं बल्कि पक्षपात और धांधली का सामना करना पड़ रहा है।

बुधवार को टिकरी गांव के सैकड़ों ग्रामीण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन लेकर संसदीय कार्यालय पहुंचे, जहां कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव जनसुनवाई के लिए मौजूद थे। ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि चकबंदी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से गांव में मनमाने ढंग से भूखंडों का बंटवारा किया जा रहा है।

आरोप है कि चक संख्या 35 क के अंतर्गत आने वाली कृषि भूमि का विधिवत वितरण किए बिना ही विभागीय कर्मचारी चक संख्या 41 और 45 का सीमांकन व वितरण करने पहुंचे थे, जिससे गांव में आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों के विरोध के चलते राजस्व विभाग की टीम को बीच में ही कार्य रोककर वापस लौटना पड़ा।

प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपे गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने स्पष्ट मांग रखी है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस दौरान ज्ञापन सौंपने वालों में सुशील सिंह, अनुराग सिंह, विनोद सिंह, सचिन सिंह, शमशेर सिंह, कन्हैया सिंह और अमित सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने ग्रामीणों की बात को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी को तत्काल जांच कराकर न्यायोचित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि ग्रामीणों के आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।