रामनगर में उठा अलम, दुल्दुल व ताबूत का जुलूस, पुरानी रवायात का रखा गया ध्यान
वाराणसी। रामनगर में मोहर्रम की नौवीं तारीख का जुलूस पुरानी रवायात के अनुरूप सय्यद आफताब हुसैन की देखरेख में उठाया गया। जुलूस उठने से पूर्व मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना परवेज़ कर्बलाई ने कर्बला की जंग के बारे में बताया। कर्बला में शहीद इमाम हुसैन और उनके साथियों को याद कर मजलिस में बैठे लोग रोने लगे।
मोहर्रम की नौवीं तारीख का कदीमी अलम, दुल्दुल व ताबूत का जुलूस मंगलवार की रात गोलाघाट स्थित मस्जिद समसुन बीबी से सैयद आफताब हुसैन की निगरानी में निकला। इस दौरान सय्यद दानिश हुसैन व उनके साथियों ने सवारी पढ़ी। जुलूस अपने कदीमी रास्तों गोलाघाट, किला रोड, सब्ज़ी मंडी, चौक, नमक बाज़ार, साहित्यानाका होते हुए जुलूस देर रात हसन बाग इमामबाड़े पहुंचा। रास्ते भर अंजुमन अब्बासिया के सदस्य नौहा मातम व जंज़ीरज़नी व कमाज़नी करते हुए चल रहे थे।
इसके बाद अलम, दुल्दुल व ताबूत का कदीमी जुलूस हसन बाग़ इमामबाड़े पहुंचकर समाप्त हुआ। जुलूस में मुख्यरूप से आफताब हुसैन, वेरासत हुसैन, बालिस्टर हुसैन, हेलाल रिज़वी डेविस, ज़ीशान, सिकंदर हुसैन, दानिश हुसैन, बब्बू हुसैन, परवेज़ हुसैन, कमाल हुसैन, जव्वार हुसैन, राकेश, मोहसिन मिर्ज़ा, इमरान, तालिब, कुमैल रज़ा, एबाद रज़ा, बाक़र रज़ा सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे। वहीं नौवीं मुहर्रम के अवसर पर महिलाओं व पुरुषों की मजलिसों का दौर भी नगर सहित आस पास के क्षेत्रों में जारी रहा।
दूसरी तरफ मरहूम अली अनवर के आवास से अलम, दुल्दुल व ताबूत का जुलुस उठाया गया जो अपने अपने परम्परागत रास्तों से होता हुआ हसन बाग इमामबाड़े जाकर समाप्त हुआ। जिसमें नौहाखानी, सीनाज़नी, जंज़ीरज़नी अंजुमन मुहाफ़िज़े अज़ा के तत्वाधान में हुआ। जुलूस में मुख्यरूप से मौलाना सय्यद फरमान रज़ा, सय्यद इनाम रज़ा, सय्यद अख्तर रज़ा आब्दी, नदीम आब्दी, जाफ़र आब्दी, बाक़र आब्दी, इजलाल हैदर आब्दी, शबीब हैदर, समर अब्बास, मोहम्मद मेहंदी, सय्यद मुश्ताक, आसिम, सय्यद तस्नीम आब्दी, फ़िरोज़ आब्दी, सय्यद रज़ी ज़ैदी, शबिहुल हसन फातमी आदि शामिल थे।