अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद BHU इकाई ने परीक्षा नियंत्रक को पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा

 

वाराणसी। वर्तमान समय में देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इस प्रक्रिया के दौरान हो रही शुल्क वसूली, कमिटमेंट फीस आदि के कारण विद्यार्थियों पर अनैतिक आर्थिक बोझ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा डाला जा रहा है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है की प्रवेश समिति ने प्रवेश को अभ्यर्थियों से धन उगाही करने का माध्यम मात्र समझा हुआ है। प्रवेश समिति का यह कृत्य गांव, गरीब एवं संपूर्ण विद्यार्थी समाज के हित के विपरित है एवं यह विद्यार्थी समुदाय को अस्वीकार्य है। 

इस संबंध में शुक्रवार 11 अगस्त 2023 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा परीक्षा नियंत्रक महोदय को पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंप कर निम्नलिखित मांग की गई : 

  1. काउंसलिंग प्रक्रिया में कमिटमेंट फीस के प्रावधान पर विश्वविद्यालय स्थिति स्पष्ट करें की यह फीस मूल फीस में जुड़ेगी या नहीं।
  2. काशी हिंदू विश्वविद्यालय में काउंसिलिंग के लिए बार - बार अलग - अलग प्रकार का शुल्क लिए जाने की प्रक्रिया बंद किया जाए।
  3. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के काउंसिलिंग पोर्टल में विद्यार्थियों को आ रही समस्याओं को तत्काल ठीक किया जाए एवं तय समय सारिणी के अनुसार परिणाम का प्रकाशन किया जाए।
  4. काशी हिंदू विश्वविद्यालय की शोध प्रवेश परीक्षा में हिंदी भाषी विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हो UGC NET की तर्ज पर हर परीक्षा का माध्यम हिन्दी भी हो। इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन NTA को यह मांग प्रेषित करे।
  5. शोध प्रवेश परीक्षा की विभाग वार सीटों का विवरण एवं Exempted श्रेणी से प्रवेश की जानकारी तत्काल जारी किया जाए।

इस दौरान इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि महामना ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना समाज के हर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए की थी, परंतु आज विश्वविद्यालय प्रशासन महामना की परिकल्पना के विरुद्ध कार्य कर रहा है। प्रवेश काउंसिलिंग के नाम पर बड़े पैमाने पर शुल्क वृद्धि हुई है। साथ ही एडमिशन लेने वाले अभ्यर्थियों से कमिटमेंट फीस ली जा रही है। जिसकी स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है की वह मूल फीस में जुड़ेगी या नहीं। विद्यार्थी परिषद प्रशासन से मांग करती है की कमिटमेंट फीस को मूल फीस में जोड़ा जाए अन्यथा यह शुल्क तत्काल वापस लिया जाए। 

साथ ही हम सभी को ज्ञात होगा की NTA द्वारा 10 अगस्त को जारी शोध प्रवेश परीक्षा की अधिसूचना में यह लिखा है की प्रवेश परीक्षा केवल अंग्रेजी माध्यम से होगी। विद्यार्थी परिषद इस निर्णय का विरोध करती है एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के माध्यम से NTA से भी यह मांग करती है की परीक्षा हिंदी भाषा में भी कराई जाए। जिससे हिन्दी भाषी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय न हो। इस मांग के पूर्ण न होने की स्थिति में विद्यार्थी परिषद क्रमिक आंदोलन करने को बाध्य होगी।

इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा कि प्रवेश काउंसिलिंग के दौरान ही विद्यार्थियों को पोर्टल में गड़बड़ी के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हम मांग करते हैं विश्वविद्यालय प्रशासन पोर्टल को तुरंत दुरुस्त कराए। इसी के साथ हम विश्वविद्यालय प्रशासन से संपूर्ण शोध प्रवेश परीक्षा एवं Exempted श्रेणी की विभागवार सीट विवरण जल्द से जल्द जारी करने की मांग करते हैं।ॉ

इस दौरान राष्ट्रीय मंत्री साक्षी सिंह, प्रांत सह मंत्री सत्यनारायण, भास्कारादित त्रिपाठी, पल्लव सुमन, आदित्य वर्धन, राजकुमार डायमंड, सर्वेश सिंह राजन उपस्थित रहे।