कृषि वैज्ञानिक ने सरकार को दान की गेहूं की प्रजातियां, 100 से अधिक किस्में विकसित करने का दावा
वाराणसी। आराजी लाइन विकासखंड क्षेत्र के टडिया जख्खिनी निवासी प्रगतिशील किसान व कृषि वैज्ञानिक श्रीप्रकाश रघुवंशी गेहूं की 31 प्रजातियां सरकार को दान कर दी। उन्होंने 100 से अधिक प्रजातियां विकसित करने का दावा किया है। उन्होंने इसके लिए सरकार को पत्र भेजा था। इसके बाद पीएमओ ने गेहूं व मक्का अनुसंधान संस्थान करनाल को पत्र भेजा। संस्थान के दो वैज्ञानिक वाराणसी पहुंचे। श्रीप्रकाश रघुवंशी ने उन्हें गेहूं की 31 प्रजातियां सुपुर्द की।
श्री रघुवंशी गेहूं,अरहर,धान,सरसो की प्रजातियों का विकास सेलेक्शन विधि से करते रहे हैं। इस समय गेहूं की 100 नई प्रजातियों का विकास कर चुके हैं। इतनी बड़ी संख्या में इन प्रजातियों को संरक्षित कर पाना मुश्किल हो रहा था। यह प्रजातियां पोषक गुणों और उत्पादन की दृष्टि से अच्छी हैं। श्री प्रकाश रघुवंशी ने इन प्रजातियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रधानमंत्री से गुहार लगाई कि मैं अपनी अस्सी गेहूं की प्रजातियों को भारत सरकार को दान करना चाहता हूं। रघुवंशी के पत्र को संज्ञान में लेते हुए पीएमओ ने गेहूं एवं मक्का अनुसंधान संस्थान करनाल को पत्र भेजा। पत्र को संज्ञान में लेते हुए करनाल से दो वैज्ञानिक वाराणसी आराजी विकास खंड के टड़िया ग्राम में श्रीप्रकाश रघुवंशी के फार्म पर पहुचे। रघुवंशी ने उनको 31 गेहूं की प्रजातियां सुपुर्द की।
गेहूं की शेष प्रजातियों को अक्टूबर माह में बीज गोदाम खुलने सुपुर्द किया जाएगा। बारिश के मौसम में बीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शेष प्रजातियों को बाद में दिया जाएगा। इन प्रजातियों में मुख्य रुप से सूर्या 555,कुदरत अन्नपूर्णा,रघुवंशी 777,कुदरत 17,कुदरत 9 आदि है। श्रीप्रकाश रघुवंशी ने बताया कि इन प्रजातियों को विकसित करने का उद्देश्य उत्कृष्ठ देशी बीजों का संरक्षण, मानव पोषण और उत्पादन है। एक बीज से पचास तक कल्ले और बालियों की लंबाई 10 इंच तक है। इन फसलों में विपरीत मौसम में गिरने की संभावना नहीं होती। पौधों की उचाई 80 सेंटी मीटर होती है।इस मौके पर गेहूं एवं मक्का अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिक डा.अरुण गुप्ता व डा. अमित कुमार शर्मा श्रीप्रकाश रघुवंशी,रंजीत कुमार सिंह,सूर्य प्रकाश सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।