दूध में पानी और सिंथेटिक तत्वों की मिलावट का तुरंत चलेगा पता, बीएचयू के शोध छात्र ने ढूंढ निकाला घरेलू तरीका
वाराणसी। अब दूध में पानी और सिंथेटिक तत्वों की मिलावट का पता तत्काल चलेगा। बीएचयू के शोध छात्र ने इसका घरेलू तरीका ढूंढ निकाला है। इसके जरिये वाष्पीकरण प्रक्रिया और मशीन लर्निंग एल्गोरिथ्म की मदद से दूध में मिलावट का पता लगाया जा सकेगा।
बीएचयू के भौतिकी विभाग के शोध छात्र तपन परसाई ने सहायक प्रोफेसर डॉ. अर्चना तिवारी के पर्यवेक्षण में और डॉ. अजय त्रिपाठी (सिक्किम विश्वविद्यालय) के सहयोग में वाष्पीकरण प्रक्रिया और मशीन लर्निंग एल्गोरिथ्म की मदद से दूध में मिश्रित विभिन्न प्रकार के पानी के साथ ही सिंथेटिक दूध के घटको का पता लगाने का एक नया लागत प्रभावी और घरेलू तरीका खोजा है। इसका प्रयोग करते समय उपयुक्त मात्रा में डिटर्जेंट, साधारण वनस्पति तेल, यूरिया ओर नल के पानी के मिश्रण से असली दूध जैसी दिखने वाली सिंथेटिक दूध लैब में बनाई गई थी। उस सिंथेटिक दूध को अलग-अलग मात्राओं में असली दूध के साथ मिलाया गया था। इसके पश्चात सिंथेटिक दूध की वाष्पित रिंग आकृतियों का विश्लेषण किया गया। विश्लेषण करते समय, वाष्पित रिंग आकृतियों में कई संकेत खोजे गए, जिससे दूध की गुणवत्ता का पता चलता है।
सिंथेटिक दूध के वाष्पित आकृतियों में हमें अनेक रिग्स दिखेगी, वनस्पति तेल के माइक्रो ड्रॉपलेट्स दिखेंगे और वाष्पित आकृतियों की पारदर्शिता से यह भी पता चल सकता है कि शुद्ध दूध में लगभग कितने सिंथेटिक दूध की मिलावट हुई है। यदि वाष्पित आकृतियां बहुत पारदर्शी होती है, तो उसमें अधिक सिंथेटिक दूध होगा और यदि कम पारदर्शी होगी तो सिंथेटिक दूध कम मात्रा में उपस्थित होगा। इस तरीके से घर में दूध की सुदृढ़ता आसानी से प्रमाणित की जा सकती है। एक मेडिकल सिरिज की मदद से, दूध की एक बूंद, एक ग्लास स्लाइड पर रखे और उसे वाष्पित होने के लिए छोड़ दे और एक स्मार्टफोन कैमरा से पिक्चर लें। अगर ग्लास स्लाइड के वाष्पित आकृतिओं में ऊपर बताए गए संकेत दिखाई देते हैं, तो दूध में सिंथेटिक दूध मिश्रित होना निश्चित है।