वाराणसी : मिट्टी के अवैध खनन का अड्डा बने गंगा किनारे के गांव

वाराणसी। चौबेपुर थानाक्षेत्र के चिरईगांव विकास खण्ड के शिवदशा, लूंठा कला, बर्थराकला, मुस्तफाबाद, छितौना, कमौली, चांदपुर, जाल्हूपुर सहित एक दर्जन से अधिक गंगा किनारे गांवों में मिट्टी का अवैध खनन अनवरत जारी है। स्थानीय लोगों के अनुसार कतिपय पुलिसवालों और खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ये पूरा खेल चल रहा है। 

 

रिपोर्ट - अनामिका सोनकर

वाराणसी। चौबेपुर थानाक्षेत्र के चिरईगांव विकास खण्ड के शिवदशा, लूंठा कला, बर्थराकला, मुस्तफाबाद, छितौना, कमौली, चांदपुर, जाल्हूपुर सहित एक दर्जन से अधिक गंगा किनारे गांवों में मिट्टी का अवैध खनन अनवरत जारी है। केवल एक दो खेतों की अनुमति दिखाकर बेखौफ होकर बड़े क्षेत्र में अवैध खनन किया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार कतिपय पुलिसवालों और खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ये पूरा खेल चल रहा है। 

सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिस क्षेत्र में अवैध खनन हो रहा है वह बाढ़ के दिनों में पूरा इलाका गंगा की लहरों के आगोश में समा जाता है। अवैध खनन से बाढ़ की समस्या और गम्भीर होती जा रही है। इस गम्भीर होती समस्या को सज्ञान में लेने के बजाय जिम्मेदार अधिकारी खनन माफियाओं और बुलडोजर मालिकों को संरक्षण देकर अपनी जेबें गर्म करने में जुटे हैं और खनन माफियाओं के ऊपर रोक का कोई असर नहीं है। 

हैरान करने वाली बात ये है कि हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने वाले जिम्मेदार अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी मूकदर्शक बने हुए है। बनारस जैसे महत्वपूर्ण जनपद में अवैध खनन पर अधिकारियों का इतना ढुलमुल रवैया है तो फिर अन्य जनपदों में अवैध कार्यो की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इस बाबत पूछे जाने पर खनन अधिकारी पारिजात त्रिपाठी व थानाध्यक्ष चौबेपुर अनिल त्रिपाठी का ढुलमुल जवाब ही मिलता है। अधिकारी पूरे मामले को ''दिखवाते है'' कहकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेते हैं।