वाराणसी : अगले माह से मिलने लगेगी शंकर आई हास्पिटल की सेवा, गांवों में जाकर मरीजों को करेंगे चिह्नित 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हरहुआ के तुलसीपट्टी गांव में रिंग रोड के पास डाक्टर झुनझुनवाला शंकर आई हास्पिटल की नींव रखी। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल को बनकर तैयार होने में एक साल से अधिक समय लगेगा, लेकिन नेत्र रोगियों को एक माह बाद से ही सेवाएं मिलने लगेंगी। गांवों में मरीजों को चिह्नित कर कानपुर शंकर आई हास्पिटल में उनका उपचार कराया जाएगा। 
 

वाराणसी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हरहुआ के तुलसीपट्टी गांव में रिंग रोड के पास डाक्टर झुनझुनवाला शंकर आई हास्पिटल की नींव रखी। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल को बनकर तैयार होने में एक साल से अधिक समय लगेगा, लेकिन नेत्र रोगियों को एक माह बाद से ही सेवाएं मिलने लगेंगी। गांवों में मरीजों को चिह्नित कर कानपुर शंकर आई हास्पिटल में उनका उपचार कराया जाएगा। 

वित्त मंत्री ने कहा कि देश में आंख के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में शंकर आई हास्पिटल की पहल कारगर साबित होगी। इससे न सिर्फ वाराणसी व आसपास के इलाके, बल्कि बिहार व झारखंड के नेत्र रोगियों को भी लाभ मिलेगा। 

अस्पताल के प्रबंध न्यासी डा. आरवी रमणी ने बताया कि 68 एकड़ जमीन में यह अस्पताल बनेगा। इसे बनकर तैयार होने में एक साल का समय लग जाएगा, लेकिन जरूरतमंदों के इलाज की सुविधा एक माह में ही शुरू हो जाएगी। गांवों में जाकर आंख के मरीजों को चिह्नित किया जाएगा। कानपुर शकर आई हास्पिटल में उनका उपचार कराया जाएगा। अस्पताल में 200 बेड निश्शुल्क आई सर्जरी और 25 बेड पेड होंगे।