BLW : केंद्रीय चिकित्सालय में आयोजित संगोष्ठी सम्पन्न, सड़क दुर्घटना के प्रथम उपचार सहित सर्पदंश पर हुई चर्चा 

बीएलडब्लू महाप्रबंधक अंजली गोयल के निर्देशन एवं प्रमुख मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डा. देवेश कुमार के कुशल नेतृत्‍व में आजादी के 75वें वर्षगांठ के अवसर पर मनाये जा रहे आजादी के अमृत महोत्‍सव पर केन्‍द्रीय चिकित्सालय के सभागार कक्ष में सड़क पर होने वाले दुर्घटना के प्रथम उपचार, सर्पदन्‍श पर चर्चा एवं बर्न पर संगोष्‍ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी में 80 से अधिक व्‍यक्तियों तथा चिकित्‍सालय में कार्यरत पैरा-मेडिकल कर्मचारी सम्मिलित हुए एवं संगोष्ठि में उपस्थित व्‍यक्तियों की इससे संबंधित स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का समाधान भी किया गया ।
 

वाराणसी। बीएलडब्लू महाप्रबंधक अंजली गोयल के निर्देशन एवं प्रमुख मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डा. देवेश कुमार के कुशल नेतृत्‍व में आजादी के 75वें वर्षगांठ के अवसर पर मनाये जा रहे आजादी के अमृत महोत्‍सव पर केन्‍द्रीय चिकित्सालय के सभागार कक्ष में सड़क पर होने वाले दुर्घटना के प्रथम उपचार, सर्पदन्‍श पर चर्चा एवं बर्न पर संगोष्‍ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी में 80 से अधिक व्‍यक्तियों तथा चिकित्‍सालय में कार्यरत पैरा-मेडिकल कर्मचारी सम्मिलित हुए एवं संगोष्ठि में उपस्थित व्‍यक्तियों की इससे संबंधित स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का समाधान भी किया गया ।

कार्यक्रम का शुभारम्‍भ करते हुए प्रमुख मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डा० देवेश कुमार ने बताया कि सड़कों पर आए दिन होने वाली दुर्घनाओं से लोगों को बचाने के लिए कैसे प्रथम उपचार किया जाए, जिससे इस तरह के दुर्घटनाओं में घायल हुए व्‍यक्ति के जीवन को बचाया जा सके। इस पर चर्चा की गयी। 

इस दौरान केन्‍द्रीय चिकित्सालय बीएलडब्लू  में कार्यरत वरिष्‍ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डा० विजय सिंह, वरिष्‍ठ मंडल चिकित्‍सा अधिकारी द्वारा सड़कों पर होने वाले दुर्घटनाओं के उपचार, सर्पदन्‍श के तुरन्‍त बाद के उपचार, शरीर के किसी भाग के जल जाने के तुरन्‍त बाद के उपचार आद‍ि स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक विषय पर जानकारी दिये ।  

इस कार्यक्रम में अपर मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक डा० सुनील कुमार, अपर मुख्‍य चिकित्‍सा अ‍धीक्षक डा० एस.के. शर्मा, मंडल चिकित्‍सा अधिकारी डा० अमित गुप्‍ता, सहायक नर्सिंग अधिकारी श्रीमती गीता कुमारी चौधरी व उनकी नर्सेज की टीम, बरेका कल्‍याण अनुभाग के कर्मचारियों तथा अन्‍य कर्मचारीगण ने सक्रियता से भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।