श्रमिक परिवार की महिलाओं के हेल्थ और वेल्थ दोनों का ख्याल रख रही योगी सरकार 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिलाओं के हेल्थ और वेल्थ दोनों पर ख़ास ध्यान दे रही है। ख़ास कर ऐसी महिलाएं जो खुद या उनके पति श्रमिक है। ऐसे श्रमिकों को बस श्रम विभाग में पंजीकरण कराना होता है। बाकी उनका ध्यान सरकार रखती है। सरकार पंजीकृत श्रमिक को मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के तहत प्रसव का इंतज़ाम, छुट्टी के दौरान वेतन और शिशु के नाम से एफडी तक की मदद कर रही है। वित्तीय वर्ष 2022 -23 के मुकाबले 2023-24 में वाराणसी मंडल में 179 अधिक लाभार्थियों को योजना का लाभ मिला है, जिसकी राशि 2022-23 के मुकाबले 2023-24 में 8 महीनों में ही 1,12,82,557 रुपये से अधिक है।
 

- श्रम विभाग में कराना होता है पंजीकरण, बाकी ध्यान रखती है यागी सरकार

- मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के तहत प्रसव का इंतज़ाम

- छुट्टी के दौरान वेतन और शिशु के नाम से एफडी तक की मदद कर रही सरकार

- वाराणसी मंडल में वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुकाबले 2023-24 (नवंबर तक) में 179अधिक लाभार्थियों को योजना का मिला लाभ

- 2022-23 के मुकाबले 2023-24 (नवंबर तक) 1,12,82,557 रुपये से अधिक राशि से लाभार्थी हुए लाभार्थी

वाराणसी, 8 फरवरी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिलाओं के हेल्थ और वेल्थ दोनों पर ख़ास ध्यान दे रही है। ख़ास कर ऐसी महिलाएं जो खुद या उनके पति श्रमिक है। ऐसे श्रमिकों को बस श्रम विभाग में पंजीकरण कराना होता है। बाकी उनका ध्यान सरकार रखती है। सरकार पंजीकृत श्रमिक को मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के तहत प्रसव का इंतज़ाम, छुट्टी के दौरान वेतन और शिशु के नाम से एफडी तक की मदद कर रही है। वित्तीय वर्ष 2022 -23 के मुकाबले 2023-24 में वाराणसी मंडल में 179 अधिक लाभार्थियों को योजना का लाभ मिला है, जिसकी राशि 2022-23 के मुकाबले 2023-24 में 8 महीनों में ही 1,12,82,557 रुपये से अधिक है।

श्रमिकों के परिवार के लिए चला रही मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना काफी मददगार साबित हो रही है। सहायक श्रमायुक्त घनश्याम सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत राज्य की गरीब महिलाओं के लिए की है। जो गर्भवती हैं, या होने वाला हैं या जिनका प्रसव हुआ है। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रसव से पूर्व और प्रसव के बाद आराम देने के उद्देश्य से कुछ आर्थिक मदद दी जाती है। ताकि ऐसी अवस्था में माता के खानपान का ध्यान रखा जा सकें। इस योजना के अंतर्गत श्रमिक महिलाओं या श्रमिक पुरुष की पत्नी को लाभ मिलता है, साथ ही आवेदक द्वारा भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण श्रमिक के रूप में वर्ष में कम से कम 90 दिन कार्य पूर्ण किया गया हो और श्रम विभाग में पंजीकृत हो। सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि

वाराणसी मंडल में वित्तीय वर्ष 2022 -23 में पंजीकृत 431श्रमिक लाभार्थियों को 88,85,769 रुपये की मदद पहुंचा था।

जिला            लाभार्थी     भुगतान की गई राशि


वाराणसी          168         3109274

जौनपुर           180          4802620

गाज़ीपुर            3            81875

चंदौली            80           892000


वाराणसी मंडल में वित्तीय वर्ष 2023-24 में माह नवंबर तक में महज़ 8 महीने में पंजीकृत 610 श्रमिक लाभार्थियों को 20168326 रुपये की मदद पहुंची।

जिला         लाभार्थी            भुगतान की गई राशि


वाराणसी     262                     8851000

जौनपुर      77                       3237097

गाज़ीपुर      84                        2780000

चंदौली       187                      5300229