ईयर एंडर-2023: योगी के प्रयासों से बड़े बदलावों का गवाह बनी योगेश्वर की मथुरा  

 मथुरा। योगी सरकार उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने में जुटी हुई है। इस लिहाज से गोपेश्वर की भूमि ब्रज के लिए वर्ष 2023 कई मायनों में काफ़ी खास रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश और व्यक्तिगत मॉनिटरिंग में इस वर्ष भगवान श्री कृष्ण और राधा की रास धरा में एक तरफ जहां कई परियोजनाएं पूर्ण हुईं। वहीं दूसरी तरफ ब्रज रज उत्सव के तहत आयोजित हुए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया। 

 
  • - वर्ष 2023 में 170 करोड़ से बदली मथुरा में विकास की दशा और दिशा
  • - गोवर्धन में पांच करोड़ की लागत से तैयार हुआ हेलीपेड, चार हेक्टेयर है क्षेत्रफल
  • - श्रद्धालु हेलीकॉप्टर से आसानी के साथ लगा सकेंगे गोवर्धन की परिक्रमा

 मथुरा। योगी सरकार उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने में जुटी हुई है। इस लिहाज से गोपेश्वर की भूमि ब्रज के लिए वर्ष 2023 कई मायनों में काफ़ी खास रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश और व्यक्तिगत मॉनिटरिंग में इस वर्ष भगवान श्री कृष्ण और राधा की रास धरा में एक तरफ जहां कई परियोजनाएं पूर्ण हुईं। वहीं दूसरी तरफ ब्रज रज उत्सव के तहत आयोजित हुए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया। 

श्रीकृष्ण जन्मस्थान, बांकेबिहारी मंदिर, वृंदावन के प्राचीन मंदिर, ब्रज चौरासी कोस समेत अन्य परिक्रमाएं, यमुना और गिरिराज पर्वत, ये सभी ब्रज के पर्यटन के केंद्र में रहते हैं। दिन-प्रतिदिन बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या इसकी साक्षी है। इसको देखते हुए वर्ष 2023 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीब 210 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही ब्रज आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा में बढ़ोतरी हो रही है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता मथुरा में सांस्कृतिक संरक्षण के साथ-साथ भौतिक विकास की रही है। इसके दृष्टिगत वृंदावन से यमुना एक्सप्रेस-वे तक फोरलेन कार्य को अपग्रेड कराया गया, जिससे इस कार्य की लागत 150 करोड़ से बढ़कर 255 करोड़ की हो गई है। मथुरा- वृंदावन रोड का बहुप्रतीक्षित चौड़ीकरण भी इस साल कराया गया है।

पैठा में हेलीपोर्ट का हुआ निर्माण
वहीं करीब 5 करोड़ की लागत से ब्रज में पर्यटन विकास के लिए गोवर्धन के गांव पैठा में हेलीपोर्ट का निर्माण कराया गया है। इसका क्षेत्रफल 4 हेक्टेयर है। पूर्व में दो साल मुड़िया मेले में गिरिराज महाराज की हेलीकॉप्टर परिक्रमा कराई गई थी, जिसे श्रद्धालुओं ने काफी पंसद किया था। गोवर्धन से प्रारंभ हुई हेलीपोर्ट सेवा से दिल्ली और आगरा आदि के लिए यात्रा की जा सकेगी।

लाइट एंड साउंड शो का शुभारंभ
इस वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर लाइट एंड साउंड शो का शुभारंभ किया है। इस परियोजना की लागत 16 करोड़ रुपये है। इसके तहत श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर लीला मंच के सामने की दीवार पर लेजर लाइट और एनीमेशन के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर गीता संदेश तक के प्रसंगों को प्रदर्शित जा रहा है। एक बार की प्रस्तुति 20 मिनट की है। इस परियोजना से श्रीकृष्ण जन्मस्थान आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी, जहां जन्म स्थान पर दर्शन के अलावा श्रद्धालु भगवान की लीलाएं भी देख सकेंगे।

170 करोड़ रुपए के विकास कार्य हुए पूर्ण
जिले में पूरे वर्ष करीब 170 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य पूरे हुए हैं। यदि लागत की नजर से देखें तो इस वर्ष 11.63 करोड़ से बलदेव के ग्राम सैदपुर (कासिमपुर) का जीर्णोद्धार कार्य पूरा हुआ है। इसके अलावा सांस्कृतिक नजरिए से देखें तो 5 करोड़ से वृन्दावन शोध संस्थान वृन्दावन के भवन का जीर्णोद्धार एवं नवनिर्माण पूरा हुआ। 2 करोड़ रूपए की लागत से जिला कारागार में 12 आवासों का निर्माण हुआ, जबकि 4.83 करोड़ से जिला कारागार में 4 बैरक सर्किल वाल सहित का अन्य निर्माण कार्य संपन्न हुए। पर्यटन विभाग द्वारा इस वर्ष 2.21 करोड़ से मांट के ग्राम परसुआ स्थित कुंड का पुनर्विकास और सौन्दर्यीकरण कराया गया है, जबकि 4 करोड़ से मांट के ग्राम डडीसरा स्थित नारद कुंड का पुनर्विकास और सौन्दर्यीकरण कार्य कराया गया है। 2.75 करोड़ से कोसी-गोवर्धन-सौंख फरह मार्ग से प्रस्तावित पं. दीनदयाल उपाध्याय कामधेनु गौशाला तक मार्ग तैयार हुआ। 4.28 करोड़ से गोवर्धन-छाता मार्ग का जीर्णोद्धार कार्य हुआ। 2 करोड़ से फरह-अछनेरा मार्ग का जीर्णोद्धार कार्य कराया गया। 1.37 करोड़ से जैंत से नगला रामताल मार्ग का जीर्णोद्धार कार्य हुआ। 11.63 करोड़ से बलदेव के ग्राम सैदपुर (कासिमपुर) का जीर्णोद्धार कार्य, 4.77 करोड़ से राया सादाबाद मार्ग पर नवीनीकरण कार्य और 3.33 करोड़ से राया बलदेव मार्ग पर नवीनीकरण कार्य इस वर्ष पूरा हुआ। नगर निगम ने 2.15 करोड़ से चौक बाजार से होली गेट चौराहे और हनुमान मंदिर से बंगाली घाट तक मैस्टिक एस्फाल्ट द्वारा सड़क निर्माण और 63 लाख से रामलीला मैदान के पास पुलिया का निर्माण कराया गया।

ब्रज तीर्थ विकास परिषद रहा विकास के कार्यों की धुरी
इस वर्ष उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद जिले के विकास कार्यों की धुरी रहा, अधिकांश प्रस्ताव परिषद के संयोजन में ही तैयार हुए और शासन को भिजवाए गए। यदि विकास कार्यों को प्रशासनिक नजर से देखें तो करीब 9 करोड़ रुपये की लागत से बना उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद का कार्यालय इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धि रही, जिसमें खुद मुख्यमंत्री का कार्यालय भी है। इस तरह प्रशासनिक नजरिए से देखें तो लखनऊ के अलावा मथुरा ही ऐसा जिला है, जहां मुख्यमंत्री का कार्यालय है। ब्रज में अधिकांश विकास कार्यों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाले तीर्थ विकास परिषद का समन्वय रहता है। इससे मथुरा जिले के सबसे महत्वपूर्ण विषय पर्यटन विकास में अलग-अलग विभागों में बेहतर समन्वय बना रहता है। इस वर्ष तीर्थ विकास परिषद ने 121 करोड़ रूपए के विकास कार्य पूरे कराए हैं, जबकि 88 करोड़ के प्रस्ताव शासन को भेजे हैं। जबकि वर्ष 2023 से पहले करीब 400 करोड़ के कार्य तीर्थ विकास परिषद के माध्यम से कराए जा चुके हैं।

मुक्ताकाशीय रंगमंच होगा पूरा
सीएम योगी की प्राथमिकता वाले डैम्पियर नगर स्थित मुक्ताकाशीय रंगमंच को इस वर्ष के अंत तक पूरा किये जाने का लक्ष्य है। 26 जनवरी को बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने पर मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने विचार बनाया है। मुक्ताकाशीय रंगमंच की लागत करीब 13 करोड़ रुपये है। इसमें मुख्यताः एक भव्य मंच के सामने करीब एक हजार सीटें होंगी। ब्रज के स्थानीय और बाहरी कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का यहां एक मंच मिलेगा। यहां कलाकारों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। साथ ही बाहरी श्रद्धालुओं को भी यहां आकर अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। ऐसे बाहरी कलाकारों के लिए रुकने ठहरने का भी इंतजाम किया जाएगा। 

पर्यावरण का रखा जा रहा ध्यान
मथुरा में विकास कार्यों में संस्कृति और पर्यावरण को भी ध्यान में रखा जाता है। इसी क्रम में पुराणों और उपनिषदों में वर्णित ब्रज के 37 वनों से विलायती बबूल की प्रजाति को हटाकर भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय प्रजातियों की स्थापना को इस साल एनजीटी ने हरी झंडी दे दी है। इससे इन प्राचीन वनों का पुनः प्राकट्य होगा। विलायती बबूल को हटाकर जिन प्रजातियों के पौधे इन वन क्षेत्रों में लगाए जाएंगे, इसमें कदम्ब, पाकड़, पीपल, जामुन, शीशम, आंवला, नीम, अर्जुन, बरगद, आम और बेलपत्र आदि शामिल हैं। यह एनजीटी का पूरे देश में इस प्रकार का पहला मामला है।

उ0प्र0 ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पूरे हुए कार्य-
 
● 2 करोड़ से गोवर्धन में बड़ी परिक्रमा मार्ग पर केबलिंग

● 7 करोड़ से गोवर्धन परिक्रमा में पाइप लाइन बिछाने एवं टीटीएसपी का निर्माण

● 5 करोड़ से गोवर्धन में स्थित भरना खुर्द सूर्य कुंड का जीर्णोद्धार और सौन्दर्यीकरण।

● 2.46 करोड़ से बरसाना-गोवर्धन रोड पर फैसिलिटेशन सेंटर एवं पार्किंग का निर्माण कार्य।

● 3.42 करोड़ से श्रीकृष्ण जन्मभूमि के गेट नं 03 पर गोविन्द नगर थाने तक जाने वाली सड़क का सौंदर्यीकरण

● 16 करोड़ से श्रीकृष्ण जन्म स्थल पर लीला मंच एवं लाइट एंड साउंड शो

● 3.48 करोड़ से राधाकुंड स्थित राही पर्यटक आवास गृह का जीर्णोद्धार एवं आंतरिक कार्य।

● 82 लाख से गोवर्धन में गुलाल कुंड का सौन्दर्यीकरण।

● 9 करोड़ से उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के कार्यालय भवन का निर्माण।

● 1.30 करोड़ से गोकुल स्थित होली चबूतरा के सामने पार्किंग एवं सड़क निर्माण कार्य।

● 1 करोड़ से महावन स्थित चिन्ताहरण घाट पर हॉल एवं टॉयलेट का निर्माण

● 1.91 करोड़ से नंदगांव में स्थित ललिता कुंड का विकास।

● 1.10 करोड़ से वृन्दावन कुम्भ क्षेत्र में केसी घाट से कुम्भ द्वार तक परिक्रमा मार्ग के किनारे फेंन्सिग।

● 76 लाख से वृन्दावन परिक्रमा मार्ग से देवरहा बाबा घाट तक इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने का कार्य।

ये कार्य किए जाएंगे-

● 6 करोड़ से यमुना नदी के किनारे कंस किले की दीवार पर लाइट एंड साउंड शो कराया जाएगा, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े प्रसंगों को दिखाया जाएगा।

● 4.5 करोड़ से मथुरा में विभिन्न भाषाओं में साइनेज लगाए जाएंगे, ताकि देश का कोई भी भाषा श्रद्धालु आए, उसे सूचनात्मक समस्याओं का सामना न करना पड़े।

● 2.36 करोड़ से साथिनी बॉर्डर पर, 2.36 करोड़ से सोनई बॉर्डर पर, 2.36 करोड़ से मथुरा गोवर्धन मार्ग पर, 2.75 करोड़ से कोटवन बॉर्डर पर प्रवेश द्वार बनेंगे।

● 5 करोड़ से गोवर्धन में सूरदास समाधि स्थल पर इंटरप्रिटेशन सेंटर और ब्रजभाषा एकेडमी का निर्माण होगा, जिससे भक्ति कवि के साहित्य से लोग परिचित होंगे।

● वृंदावन स्थित गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी में गेस्टहाउस का निर्माण करीब 5 करोड़ की लागत से किया जाएगा।

● गोकुल में नगरपंचायत की प्रस्तावित भूमि पर पर्यटक सुविधा केंद्र और पार्किंग स्थल का निर्माण 31 करोड़ से होगा।

● वृंदावन परिक्रमा मार्ग के शेष भाग में सीसीटीवी कैमरा, पीए सिस्टम आदि की स्थापना 24 करोड़ से होगी।

● गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में फसाड लाइटिंग और साइनेज का काम 23 करोड़ की लागत से कराया जाएगा।

● कंस किले पर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं वाले लाइट एंड साउंड शो का कार्य 6 करोड़ से कराया जाएगा।

● ब्रज में 37 पारंपरिक वनों की स्थापना

● 255 करोड़ से वृंदावन-यमुना एक्सप्रेस वे रोड का चौड़ीकरण

● 16 करोड़ से श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर लाइट एंड साउंड शो शुरू

ब्रजभूमि के 673 गांवों में 2.94 लाख परिवारों को गंगाजल

वर्ष 2023 ब्रजभूमि के 673 गांवों में 2.94 लाख परिवारों को गंगाजल की सप्लाई मिलने की नींव रखी गई। इस योजना पर कार्य शुरू हो गया है और इन गांवों में गंगाजल सप्लाई का सपना अगले वर्ष पूरा होगा। नमामि गंगे की इस परियोजना पर यहां उत्तर प्रदेश जल निगम ग्रामीण द्वारा 495 ग्राम पंचायतों के 673 राजस्व गांवों तक पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। करीब 2900 करोड़ की इस परियोजना को इसी वर्ष स्वीकृति मिली थी। परियोजना की टेंडरिंग प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। कार्यदायी संस्था ने 15 जुलाई से इसका कार्य आरंभ कर दिया है। इसे जनवरी 2025 तक 100 प्रतिशत पूरी करने का लक्ष्य तय किया गया है। यहां गंगाजल को पहले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित कर बाद में उसे गांवों में सप्लाई किया जाएगा। परियोजना का केंद्र मांट की बेरा एवं मुइद्दीनपुर ग्राम पंचायत की करीब 15 हेक्टेयर जमीन में है। यहां बुलंदशहर के खुर्जा में पालरा झाल से पाइपलाइन से कुल 270 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति की जाएगी। 673 गांवों में ओवरहैड टैंक में स्टोर के बाद पाइपलाइन से घर-घर गंगाजल पहुंचाया जाएगा। इसमें 2.94 लाख कनेक्शन दिए जाएंगे। 272 राजस्व गांवों में ओवर हैड टंकियां नहीं है उन गांवों में 75 से 800 किलोलीटर तक की क्षमता वाली ओवरहेड टंकी बनाई जाएंगी। परियोजना का टेंडर एफको प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को मिला है। यही कंपनी आगामी 10 वर्ष तक इसका पूरा मेंटेनेंस करेगी।

वर्ष 2023 मे औद्योगिक जगत के लिए बड़ी आशाएं-

* मथुरा में खूब तरक्की कर रहा होटल व्यवसाय

* मथुरा में प्रतिवर्ष 500 करोड़ का मिठाइयों का कारोबार

* बांके बिहारी कॉरिडोर बनने से जनपद के धार्मिक पर्यटन को लगेंगे पंख

मथुरा के औद्योगिक जगत को गुजरा वर्ष बड़ी आशाएं और संभावनाएं देकर गया है। यहां इन्वेस्टर्स समिट से देश-विदेश के करीब 28 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव और छाता में डेढ दशक से बंद पड़ी शुगर मिल के शुरू होने से बड़ी संभावनाएं पैदा हुई हैं। वर्ष 2023 में तेजी से बढ़ा धार्मिक पर्यटन उद्योग भी नई ऊर्जा का संचार कर गया है। तीन दशक से टीटीजेड के प्रतिबंधों में सिसकते यहां के उद्योग धंधे को योगी सरकार में हुए इन्वेस्टर्स समिट के प्रस्तावों को धरातल पर उतरते देख बड़ी आशाएं जगी हैं। यहां करीब 28800 करोड़ रुपये के 363 निवेश प्रस्तावों में से आधे धरातल पर उतरने को तैयार है। इससे उद्यमियों को प्रतिबंधों में ढील की आशाएं हैं।

वर्ष 2023 में हुए इन्वेस्टर समिट ने जिले को करीब 28,800 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की बड़ी सौगात मिली है। इनमें देश के साथ यूएई, यूएसए आदि देशों के निवेशकों ने भी प्रस्ताव दिए हैं। इनमें होटल उद्योग, डेयरी एवं डेयरी प्रोडक्ट, चिकित्सा, एजुकेशन, फूड इंडस्ट्रीज आदि सेक्टर की इकाई स्थापना के प्रस्ताव है। इनमें से करीब नौ हजार करोड़ रुपये के 176 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के प्रस्तावों को हरी झंडी भी मिल गई है। उन्हें फरह से छाता- कोसी तक हाईवे के दोनों ओर के क्षेत्र में विकसित किए जाने की तैयारी है। औद्योगिक इकाइयों के लिए यही क्षेत्र सर्वाधिक मुफीद माना जा रहा है। इसी क्षेत्र में पहले से इंडस्ट्रियल एरिया हैं और परिवहन के सुगम संसाधन उद्यमियों को आकर्षित कर रहे हैं। यहां जैंत में भरतिया रोड पर 17.5 एकड़ एवं छाता गोवर्धन रोड पर करीब 18.5 एकड़ में दो औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। इनमें करीब पांच दर्जन से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हो सकेगी। इसमें मेटल, खाद्य उत्पाद, ठाकुर जी की श्रंगार पोशाक, कृषि उत्पाद, फूड एवं हैंडीक्राफ्ट की इकाइयां स्थापित होंगी। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इनमें कई हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी वर्ष यहां करीब डेढ़ दशक से बंद पड़ी छाता शुगर मिल के शुभारंभ की भी सौगात जिले को मिली है।

मथुरा का धार्मिक पर्यटन उद्योग यहां की लाइफलाइन है। इसे गुजरे वर्ष में वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के लिए बनाए जा रहे कॉरिडोर से इसे पंख लगने की उम्मीद है। धार्मिक पर्यटन उद्योग के साथ ही यहां श्रृंगार-पोशाक, माला-कंठी, धातु की मूर्ति-तस्वीर, होटल- गेस्ट हाउस, बस-टैक्सी आदि के तमाम कारोबार आश्रित हैं। कॉरिडोर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट से भी हरी झंडी मिल गई है। इसके निर्माण के लिए अब सरकार ने भी कवायद शुरु कर दी है। इस परियोजना के आगामी वर्ष 2024 में ही शुरु होने की संभावना जताई जा रही है।

जिले के धार्मिक पर्यटन उद्योग के कारण होटल, गेस्ट हाउस, मठ, मंदिर धर्मशाला का बड़ा कारोबार है। यहां करीब 500 से ज्यादा होटल, तीन हजार गेस्ट हाउस और इससे भी ज्यादा संख्या में धर्मशालाएं हैं। वहीं साधु संतों के हजारों की संख्या में मठ, मंदिर, आश्रम आदि में भी श्रद्धालुओं के ठहरने के पर्याप्त इंतजाम हैं। शहर के अभिनंदन होटल के संचालक एवं लघु उद्योग भारती के मंडल अध्यक्ष सोनल अग्रवाल ने बताया कि होटल उद्योग को विभिन्न प्रकार के टैक्सों ने दबा रखा है।

मथुरा के बृजवासी की मिठाई सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मशहूर है। इसके अलावा गिरिराज मिष्ठान भंडार, रमन मिठाई वाले, शंकर मिष्ठान भंडार, राधिका स्वीट्स आदि नामचीन दुकानों की मिठाई प्रसिद्ध है। मंदिरों में भोग प्रसाद लगाने के अलावा त्योहारों पर यहां प्रतिवर्ष करीब 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो जाता है। 

- स्वास्थ्य सेवाएं हुई बेहतर

● निजी क्षेत्र में एसकेएस कॉलेज को मिली मेडिकल कॉलेज की मान्यता

● जिला अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों में लाया गया सुधार

● देहात क्षेत्रों में मरीजों के लिए खुले 57 उपकेंद्र

● मांट एवं गोवर्धन केंद्र पर अल्ट्रासाउंड सेवा से मरीजों को मिल रहा लाभ

वर्ष 2023 जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बेहतर रहा। इस बार कोरोना, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों पर कंट्रोल रहा। पोषण अभियान एवं गर्भवती महिलाओं से जुड़े मामलों में प्रगति संतोष जनक रही। इस वर्ष कुछ नये अस्पतालों को मंजूरी मिली तो पहले से स्थापित अस्पतालों का स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उच्चीकरण हुआ। कोरोना, डेंगू, मलेरिया बीमारी काबू में रहीं। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लोगों को जागरूक किया जाता रहा। गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन देहात के केंद्रों पर शुरू कराए गए। अल्ट्रासाउंड सेवा भी शुरू कराई जा रही हैं। दो केंद्रों पर सेवा चालू हो गई हैं। जिला अस्पताल में नया सिस्टम डेवलेपमेंट करने के लिए ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई। सेवाओं पर नजर रखने के लिए जिला अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। ओपीडी के पर्चे ऑनलाइन बनवाने शुरू किए गए। अन्य सेवाओं में भी सुधार लाया गया।