ज्ञानवापी के तहखाने में जारी रहेगा पूजा-पाठ... मुस्लिम पक्ष के ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए कहा कि ज्ञानवापी में पूजा और नमाज एक साथ हो सकती है। इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, जबकि दोनों की दिशाएं अलग-अलग हैं।
सुप्रीमकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है। जिसमें मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिन्दुओं को प्रार्थना करने की अनुमति देने वाले निचली अदालत के फैसले की पुष्टि की गई है।
इस मामले में उच्चतम न्यायालय में अंजुमन की तरफ से दलील दी गई कि ज्ञानवापी में रात के अंधेरे में पूजा का आदेश लागू किया गया और पूजा शुरू हो गई। जबकि जिला जज ने इसे लागू करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। अंजुमन की ओर से सोमवार को सुप्रीमकोर्ट से मांग की गई कि पूजा मस्जिद परिसर के भीतर हो रही है। इसे तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाय, क्योंकि ट्रायल कोर्ट के आदेश को जल्दबाजी में लागू किया गया है।
सुप्रीमकोर्ट ने अंजुमन के वकील से नमाज और पूजा के लिए गेट किस दिशा में हैं? जिस पर अंजुमन ने बताया कि दोनों के गेट विपरीत दिशा में हैं। CJI ने पूछा कि क्या मस्जिद के भीतर नमाज पढ़ी जा रही है? जिस पर अंजुमन के तरफ से कहा गया कि यह एक पूरी मस्जिद परिसर है। मस्जिद परिसर बड़ा भी हो सकता है। मंदिर परिसर और भी बड़ा हो सकता है, तो उन्हें इस जगह की क्या ज़रूरत है?
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उक्त स्थल पर नमाज और पूजा दोनों यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए। कहा कि यदि किसी पक्ष को नमाज अथवा पूजासे दिक्कत नहीं है, तो सब कुछ पहले के जैसे सुचारू रूप से चलता रहेगा। हम नमाज अथवा पूजा पर रोक नहीं लगायेंगे।