रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला : दीपक बनेंगे राम, अथर्व निभाएंगे जानकी की भूमिका

 

रामलीला में मुख्य स्वरूपों की भूमिका के लिए अंतिम चयन पर लगी मुहर 

वाराणसी। आगामी 28 सितंबर से शुरू हो रही विश्वविख्यात रामनगर की रामलीला में मुख्य स्वरूपों की भूमिका निभाने के लिए बालकों के चयन पर रविवार को अंतिम मुहर लग गई। 

रामनगर किले में कुंवर अनंत नारायण सिंह की मौजूदगी में दूसरे और अंतिम दौर की स्वर परीक्षा के बाद पांच बालकों का चयन किया गया। चयन के अनुसार नियामताबाद चंदौली के दीपक पाण्डेय श्रीराम की भूमिका निभाएंगे तो मारुखपुर सैदपुर के अथर्व पाण्डेय सीता की भूमिका में दिखेंगे। प्रह्लादघाट के देवराज त्रिपाठी भरत और नियामताबाद के ही अंश तिवारी लक्ष्मण की भूमिका के लिए योग्य पाए गए।

वहीं गोधना मुगलसराय के सूरज पाठक शत्रुध्न की भूमिका निभाएंगे। चयनित सभी बालक 15 साल आयुवर्ग के हैं। स्वर की कोमलता और भाव सम्प्रेषण की क्षमता के आधार पर लगभग दो दर्जन बालकों के बीच इनका चयन किया गया। इनसे संस्कृत के श्लोक और मानस की चौपाइयों का सस्वर पाठ कराया गया। उसके बाद कुंवर ने फाइनल लिस्ट को हरी झंडी दे दी। खास यह है कि शत्रुध्न की भूमिका निभाने वाले सूरज पाठक को छोड़ दें तो अन्य चारों बालक रामनगर की रामलीला में पहली बार भूमिका निभाते दिखेंगे। सूरज पिछले साल की रामलीला में भी शत्रुध्न बने थे।

अब दो अगस्त को प्रथम गणेश पूजन के बाद से चयनित बालकों का बलुआघाट धर्मशाला में रामलीला व्यास रघुनाथ दत्त के सानिध्य में प्रशिक्षण शुरू होगा जो रामलीला समाप्ति तक अनवरत चलेगा। इस पूरी अवधि तक ये पांचों बालक अपने घरों से दूर रहेंगे और व्यासों के संरक्षण में अपनी-अपनी भूमिकाओं को आत्मसात करेंगे। संवादों को कंठस्थ करने के अलावा भाव भंगिमाओं के सम्प्रेषण का अभ्यास करेंगे। किले में हुए चयन के दौरान कुंवर अनंत नारायण सिंह के अलावा व्यास रघुनाथ दत्त, संपत व्यास, शिवदत्त शर्मा आदि उपस्थित थे।