ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा-पाठ जारी रहेगा या नहीं? हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

 
वाराणसी/प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ को लेकर गुरुवार को सुनवाई पूरी हुई। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की अपील पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने लगभग 40 मिनट तक अपना तर्क प्रस्तुत किया। 

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि ज्ञानवापी के दाहिने हिस्से में तहखाना स्थित है। यहां वर्ष 1993 तक हिंदू पूजा करते थे। सीपीसी के आदेश 40 रुल एक के तहत वाराणसी जिला न्यायालय ने जिलाधिकारी को तहखाने का रिसीवर नियुक्त किया था। कोर्ट की ओर से दिया हुआ पूजा का आदेश किसी भी प्रकार से मुस्लिमों के अधिकारों को प्रभावित नहीं करता है, क्योंकि मुसलमान कभी तहखाने में नमाज पढ़ते ही नहीं थे। 

वहीं दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने डीएम को रिसीवर नियुक्त करने पर भी प्रश्न खड़े किए हैं। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जब डीएम पहले से ही काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के पदेन सदस्य हैं, तो उन्हें ही रिसीवर कैसे नियुक्त किया जा सकता है? जिला जज कुछ चीज़ों को सुविधाजनक बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने ऐसा आदेश दिया। किसी भी तहखाने का उल्लेख दस्तावेजों में नहीं है।