फिर चर्चा का विषय बना वाराणसी के 115 साल पुराने यूपी कॉलेज पर वक्फ बोर्ड का 6 साल पुराना दावा

 
वाराणसी। वाराणसी में स्थित 115 साल पुराना उदय प्रताप कॉलेज, जिसे यूपी कॉलेज के नाम से जाना जाता है, इन दिनों उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के दावे को लेकर विवादों में है। कॉलेज का परिसर लगभग 100 एकड़ में फैला है, जिसमें कई शैक्षिक संस्थान जैसे यूपी डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज, रानी मुरार बालिका स्कूल, राजर्षि शिशु विहार, और राजर्षि पब्लिक स्कूल संचालित हो रहे हैं, जहां लगभग 20,000 छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। हालांकि यह दावा 6 साल पुराना है।

वक्फ बोर्ड ने कॉलेज की भूमि पर अपना दावा करते हुए कहा था कि यह संपत्ति सुन्नी वक्फ संपत्ति के तहत आती है। इस संदर्भ में बोर्ड के सहायक सचिव आले अतीक ने 2018 में कॉलेज प्रबंधन को नोटिस भेजा था। नोटिस में कहा गया था कि वसीम अहमद, निवासी भोजूबीर तहसील सदर, ने दावा किया है कि "ग्राम छोटी मसजिद नवाब टोक मजारात हुजरा" नामक स्थान की भूमि, जो कॉलेज परिसर के अंतर्गत आती है, सुन्नी वक्फ संपत्ति है और इसे वक्फ बोर्ड में पंजीकृत किया जाना चाहिए।

कॉलेज के तत्कालीन सचिव यूएन सिन्हा ने जवाब में कहा था कि उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना 1909 में की गई थी और इसका संपत्ति ट्रस्ट के अंतर्गत आती है, जिसे इंडाउमेंट ट्रस्ट एक्ट के तहत संरक्षित किया गया है। उनका कहना था कि इस ट्रस्ट की संपत्ति पर किसी अन्य का मालिकाना हक नहीं हो सकता।