वैदिक पंचांग से तिथियों और पक्षों का मिलेगा ज्ञान, हिंदू नव वर्ष की पूर्व संध्या पर बीएचयू में वैदिक पंचांग (ज्योतिष-तत्त्वांक) का विमोचन
यह वैदिक पंचांग कई मायने में अद्भुत व विशिष्ट है। इसे मुख्य रूप से तिथियों के आधार पर बारह महीनों में रखा गया है। प्रत्येक तिथि के साथ उसके समाप्ति काल को दिया गया है। मुख्य व्रतों, त्यौहारों तथा पर्वों को भी उन तिथियों के साथ दिया गया है। तिथियों के साथ अंग्रेजी दिनांक एवं वार का समन्वय होने से कोई भी सामान्य व्यक्ति भी इसे सहजता से समझ सकता है। इसमें वर्ष में पड़ने वाले सूर्य ग्रहण तथा चन्द्रग्रहणों का भी वर्णन है।
यह वैदिक पंचांग ज्योतिष-तत्त्वांक के रूप में प्रकाशित किया गया है, जिसमें ज्योतिष विज्ञान के विभिन्न पहलुओं का संक्षिप्त परिचय कराया गया है। इस वैदिक पंचांग से लोगों में दिन-प्रतिदिन की तिथियों और पक्षों का ज्ञान होने के साथ-साथ भारतीय वैदिक परम्परा व ज्ञान का प्रचार-प्रसार भी होगा। आम व्यक्तियों के जानकारी के लिए राशियों का वार्षिक फल भी दिया गया है। केन्द्र के समन्वयक प्रो. उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि भारतीय संस्कृति तथा वैदिक विज्ञान के ज्योतिष ज्ञान भण्डार से परिचित कराने के उद्देश्य से इस वैदिक पंचांग को तैयार किया गया हैं।
इस अवसर पर केन्द्र संचालन समिति के सदस्य प्रो. गिरिजा शंकर शास्त्री, प्रो. शशिकांत मिश्र, प्रो. विंध्याचल पांडेय, प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी, प्रो. मृत्युंजय देव पांडेय, प्रो. कार्तिकेय श्रीवास्तव, डा. सुनील कात्यायन आदि मौजूद थे।