Varanasi Weather : बंगाल पहुंचा मानसून, वाराणसी में तीन दिन बारिश का अलर्ट, औसत से नीचे जाएगा तापमान 

इस बार बनारस सहित पूरे पूर्वांचल में मानसून समय से पहले दस्तक देने को तैयार है। मानसून ने पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश कर लिया है और अब आगामी 10 जून से पहले वाराणसी में भी इसके पहुंचने की संभावना है। अच्छी खबर यह है कि इस बार मानसून सामान्य से ज्यादा सक्रिय रहेगा और बनारस समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश में औसत से 10 फीसदी अधिक बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक वाराणसी और आसपास के इलाके में बारिश का अलर्ट जारी किया है। बारिश के बाद तापमान औसत से नीचे जा सकता है। 
 

वाराणसी। इस बार बनारस सहित पूरे पूर्वांचल में मानसून समय से पहले दस्तक देने को तैयार है। मानसून ने पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश कर लिया है और अब आगामी 10 जून से पहले वाराणसी में भी इसके पहुंचने की संभावना है। अच्छी खबर यह है कि इस बार मानसून सामान्य से ज्यादा सक्रिय रहेगा और बनारस समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश में औसत से 10 फीसदी अधिक बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक वाराणसी और आसपास के इलाके में बारिश का अलर्ट जारी किया है। बारिश के बाद तापमान औसत से नीचे जा सकता है। 

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष मानसून के चार महीने जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर पूर्वांचल में अधिक वर्षा लेकर आएंगे। दीर्घावधि औसत वर्षा 799 मिमी मानी जाती है, जबकि इस बार यह 110% यानी लगभग 880 मिमी तक पहुंच सकती है। इसके साथ ही इस अवधि में लू के दिन भी कम रहेंगे और अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया जाएगा।

मंगलवार को काशीवासियों को भीषण उमस का सामना करना पड़ा। बाहर चुभती धूप और घरों के अंदर भारी उमस ने कूलर और पंखों को बेअसर कर दिया। हालांकि, अधिकतम तापमान सामान्य से 3.3 डिग्री कम यानी 37.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, लेकिन नमी का स्तर 80 प्रतिशत तक पहुंचने के कारण असहजता बनी रही। न्यूनतम तापमान 26.8 डिग्री रहा, जो सामान्य से 0.6 डिग्री अधिक था। इस दौरान पुरवा हवा की गति लगभग 20 किलोमीटर प्रति घंटे रही।

मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार को तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। इसके बाद 30 और 31 मई को भी गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इन कुछ दिनों की बारिश से तापमान में गिरावट आने की उम्मीद है, लेकिन इसके बाद मौसम फिर से साफ हो जाएगा और पारा एक बार फिर चढ़ सकता है।