वाराणसी :  धोती पहन, तिलक-चंदन लगाकर मैदान में उतरे वेदपाठी बटुक, लगाए चौके-छक्के

शास्त्रार्थ महाविद्यालय की ओर से शुक्रवार को रामापुरा स्थित जयनारायण इंटर कालेज में क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें धोती पहने, तिलक-चंदन लगाए वेदपाठी बटुक खिलाड़ी के तौर पर मैदान में उतरे। चाणक्य के वेश में चुटियाधारी बटुकों ने जमकर चौके-छक्के लगाए। मैच की कमेंट्री भी संस्कृत में हुई। 
 

वाराणसी। शास्त्रार्थ महाविद्यालय की ओर से शुक्रवार को रामापुरा स्थित जयनारायण इंटर कालेज में क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें धोती पहने, तिलक-चंदन लगाए वेदपाठी बटुक खिलाड़ी के तौर पर मैदान में उतरे। चाणक्य के वेश में चुटियाधारी बटुकों ने जमकर चौके-छक्के लगाए। मैच की कमेंट्री भी संस्कृत में हुई। 

 
संस्कृत भाषा व इसके संवर्धन हेतु सतत प्रयत्नशील शास्त्रार्थ महाविद्यालय (दशाश्वमेध) के 80वें स्थापनोत्सव पर आयोजित संस्कृत क्रिकेट मैच का भव्य आयोजन किया गया। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वेदपाठी बटुकों ने क्रिकेट मैच खेल कर समाज को संदेश देने का प्रयास किया कि हमारे हाथों में शास्त्रों के अलावा यदि क्रिकेट का बल्ला भी होगा तो उसमें भी पीछे हटने वाले नहीं है। मुख्य अतिथि शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी ने बटुकों से संस्कृत में परिचय प्राप्त किया तथा इसके बाद कुछ गेंद बटुकों से डलवाई व स्वयं उनके साथ क्रिकेट खेल कर आयोजन का उद्घाटन किया। 

संस्था के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त पूर्व प्राचार्य तथा संयोजक डॉ.गणेश दत्त शास्त्री व संस्कृत भाषा के विद्वान डॉ.विनोद राव पाठक ने मुख्य अतिथि को माल्यार्पण व अंगवस्त्र प्रदान कर अभिनंदन किया। इस मौके पर विधायक डॉ.नीलकंठ तिवारी ने कहा संस्कृत भाषा व इसके छात्रों के उत्साहवर्धन हेतु इस प्रकार के आयोजन होते रहने चाहिए। बच्चों की प्रतिभा निखारने के लिए एक अवसर प्रदान करना चाहिए चाहे वह खेल का ही क्षेत्र क्यों ना हो। संस्कृत में कमेंट्री व्याकरणशास्त्र के मूर्धन्य विद्वान डॉ. शेषनारायण मिश्र व पं. विकास दीक्षित ने किया। 


कार्यक्रम संयोजक व संस्था के प्राचार्य डॉ.पवन कुमार शुक्ला ने स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन देश में अपने में अनोखा है इसी कारण इसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी किया था। मैच के सारे नियम लगभग किसी अंतरराष्ट्रीय मैच के ही समान थे।अंपायर की भूमिका में पूर्व खिलाड़ी धीरज मिश्रा व संजीव तिवारी तथा रेफरी के रूप में डॉ. अशोक पांडेय शामिल थे। इस एक दिवसीय मैच में चार टीमों ने प्रतिभाग  किया। शास्त्रार्थ महाविद्यालय,इंटरनेशनल चंद्रमौलि चैरिटेबल संस्कृत संस्थान,चल्ला शास्त्री वेद-वेदांग संस्कृत विद्यालय तथा महर्षि महेश योगी संस्थान थे। 


संस्कृत के छात्रों ने मंगलाचरण व वेद मंत्रों का पाठ करते हुए मैदान में प्रवेश किया। तिलकधारी व लंबी-लंबी चुटियाधारी धोती-कुर्ता पहने हुए क्रिकेटरों को देख मैदान पर उपस्थित सभी दर्शक काफी रोमांचित हो गए। इन बच्चों के चौकों-छक्कों पर तो सभी ने जोरदार तालियां भी बजाई। इससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता रहा। संस्कृत में चतुरधावनांका: तथा षडधावनांका (चौक व छक्का) से पूरा मैदान गूंजायमान रहा। विशिष्ट अतिथि पार्षद विजय द्विवेदी व पूर्व चिकित्साधिकारी डॉ.सारनाथ पांडेय तथा जयनारायण इंटर कालेज के प्राचार्य वीरेंद्र श्रीवास्तव थे। जिला विद्यालय निरीक्षक अवध किशोर सिंह भी मैच में संस्कृत विद्यालयों का उत्साह बढ़ाने पहुंचे थे। डा. उमाशंकर त्रिपाठी, डॉ.आमोद दत्त शास्त्री, विनीत तिवारी, अमन द्विवेदी, बृजेश शुक्ल आदि संयोजन में रहे।