वाराणसी : जिला स्तर पर गठित होगी ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी, 11 व्यापारियों को किया जाएगा सम्मानित, पुलिस कमिश्नर ने व्यापारियों से किया संवाद
वाराणसी। शहर में सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ-साथ व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और साइबर अपराधों से बचाव को लेकर पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी श्री मोहित अग्रवाल ने गुरुवार, 25 दिसंबर 2025 को व्यापारी बंधुओं के साथ एक महत्वपूर्ण और संवादात्मक गोष्ठी का आयोजन किया। इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य पुलिस और व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना तथा व्यावहारिक सुझावों के माध्यम से शहर की यातायात और सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाना रहा।
गोष्ठी के दौरान पुलिस आयुक्त ने जिला स्तर पर 11 व्यापारियों को सम्मिलित करते हुए एक ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी के गठन के निर्देश दिए। यह कमेटी यातायात व्यवस्था से जुड़ी व्यावहारिक समस्याओं और उनके समाधान को लेकर सुझाव देगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस कमेटी की प्रत्येक माह नियमित बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें यातायात संचालन में आ रही दिक्कतों, सुधारात्मक उपायों और जनसहयोग आधारित समाधानों पर विस्तार से चर्चा होगी।
पुलिस आयुक्त ने यह भी निर्देश दिए कि जिन थाना क्षेत्रों में यातायात जाम की समस्या अधिक रहती है, वहां 5-5 व्यापारियों की स्थानीय कमेटियां गठित की जाएंगी। ये कमेटियां जाम के वास्तविक कारणों की पहचान कर उनके निवारण के लिए ठोस और व्यावहारिक सुझाव पुलिस प्रशासन को उपलब्ध कराएंगी। साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस आयुक्त ने व्यापारियों को डिजिटल अरेस्ट, फिशिंग कॉल, फर्जी ऑनलाइन ऑर्डर, जॉब ऑफर, निवेश और लॉटरी से जुड़े साइबर फ्रॉड के विभिन्न तरीकों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि वे डिजिटल लेनदेन केवल सुरक्षित और प्रमाणित प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही करें, किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और साइबर अपराध की स्थिति में तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर या नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराएं।
व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर पुलिस आयुक्त ने सभी दुकानों और संस्थानों में उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाने और उन्हें सक्रिय रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कैमरों का कवरेज सड़क, प्रतिष्ठान के प्रवेश द्वार और आसपास के क्षेत्र तक होना चाहिए, जिससे किसी भी आपराधिक घटना की स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव हो सके।
इसके साथ ही अवैध पार्किंग पर नियंत्रण को लेकर व्यापारियों से सहयोग की अपील की गई। उन्हें अपने कर्मचारियों और ग्राहकों को केवल निर्धारित पार्किंग स्थलों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने को कहा गया, ताकि यातायात व्यवस्था सुचारु बनी रहे। प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की नियुक्ति से पूर्व उनकी पृष्ठभूमि जांच और सत्यापन कराने की भी सलाह दी गई।
स्वर्ण एवं आभूषण व्यवसायियों को विशेष रूप से निर्देशित किया गया कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति से सोना या चांदी की खरीद न करें और खरीद से पहले सभी दस्तावेजों की वैधता की गहन जांच करें। किसी भी संदेह की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचना देने को कहा गया।
गोष्ठी के अंत में पुलिस आयुक्त ने व्यापारियों द्वारा रखे गए सुझावों और ज्ञापनों पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं के समाधान के लिए पुलिस प्रशासन हरसंभव प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस और व्यापारी मिलकर ही शहर को सुरक्षित, व्यवस्थित और सुगम बना सकते हैं।