वाराणसी: खदान में काम लगवाने के नाम किराये पर लिया ट्रैक्टर, फिर नंबर प्लेट बदलकर अलग- अलग जिलों में बेच देते, दो गिरफ्तार, 8 ट्रैक्टर, ट्राली, रोटावेटर और बोलेरो बरामद

 
वाराणसी। थाना लोहता क्षेत्र में पुलिस ने दो वांछित अभियुक्तों को गिरफ्तार कर एक बड़े ट्रैक्टर घोटाले का पर्दाफाश किया है। इन अभियुक्तों पर आरोप है कि इन्होंने लोगों को पैसे का लालच देकर उनके ट्रैक्टरों को खदान में काम पर लगवाने के बहाने धोखाधड़ी से एग्रीमेंट कराए और फिर उन ट्रैक्टरों को गिरवी रखकर पैसे ले लिए। पुलिस ने इस मामले में 8 ट्रैक्टर, 2 ट्राली, 1 रोटावेटर और 1 बोलेरो बरामद की है।

इस अभियान का नेतृत्व सहायक पुलिस आयुक्त रोहनिया ने किया। पुलिस टीम को इस ऑपरेशन की जानकारी मुखबिर द्वारा दी गई थी, जिसके आधार पर थाना लोहता पुलिस टीम ने रात के करीब 12:55 बजे, दयापुर की एक खंडहरनुमा फैक्ट्री से अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अभियुक्तों में अनूप कुमार सिंह (35 वर्ष) भदोही के औराई थाना क्षेत्र के दलपतपुर गाँव का निवासी है। दूसरा अभियुक्त मुन्नालाल उर्फ घन्टु (34 वर्ष) लोहता थाना क्षेत्र के पिलखिनी गाँव का निवासी है।

अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास

गिरफ्तार अभियुक्तों पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। अनूप कुमार सिंह के खिलाफ लोहता थाने में धारा 419, 420, 406 के तहत मामला पंजीकृत है। इसके अलावा, उसके खिलाफ मिर्जापुर जिले के चुनार थाना क्षेत्र में भी एक अन्य मामला दर्ज है। मुन्नालाल उर्फ घन्टु के खिलाफ भी लोहता थाने में धारा 419, 420, 406 के तहत मामला दर्ज है।

पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर कुल 8 ट्रैक्टर, 2 ट्राली, 1 रोटावेटर और 1 बोलेरो को बरामद किया। ये सभी वाहनों को अलग-अलग मामलों से जोड़ा गया है। अभियुक्तों ने बताया कि ये वही ट्रैक्टर हैं, जिन्हें उन्होंने सुनील सिंह और सुनील कुमार तिवारी से एग्रीमेंट के तहत लिया था। पुलिस ने उन ट्रैक्टरों के बारे में पूछताछ की तो अभियुक्तों ने यह भी खुलासा किया कि कुछ ट्रैक्टर उन्होंने दयापुर नकई बॉर्डर के पास एक बंद पड़ी खंडहर फैक्ट्री में छुपाकर रखे थे। अभियुक्तों ने यह भी बताया कि वे इन ट्रैक्टरों को नंबर प्लेट बदल-बदल कर इस्तेमाल करते थे और उन्हें विभिन्न जिलों में गिरवी रखकर पैसे कमाते थे।

धोखाधड़ी का तरीका

यह घोटाला तब सामने आया जब पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके ट्रैक्टर एग्रीमेंट के तहत लेकर अन्य जिलों में गिरवी रख दिए गए और इसके बाद उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया। आरोप है कि अभियुक्तों ने प्रतिमाह 15,000 से 25,000 रुपये की लालच देकर ट्रैक्टर मालिकों से एग्रीमेंट कराए थे, जिसके बाद इन ट्रैक्टरों को अन्य जिलों में बेचने की योजना थी।

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस के समक्ष यह भी बताया कि जब पुलिस ने ट्रैक्टरों की बरामदगी के लिए दबिश देना शुरू किया तो उन्होंने ट्रैक्टरों को वापस लाकर एक ही जगह इकट्ठा कर दिया। उनका उद्देश्य सही समय का इंतजार कर इन ट्रैक्टरों को कबाड़ी के हाथों बेचकर कटवा देना था।

पीड़ितों का विवरण

पीड़ितों में प्रमुख नाम सुनील सिंह और सुनील कुमार तिवारी का है, जो वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र के निवासी हैं। इनके अलावा अन्य लोगों के भी ट्रैक्टर और ट्रालियाँ इसी तरीके से ली गई थीं। अभियुक्तों ने लाल बहादुर यादव, मनोज यादव, बनारसी यादव, भोरिक यादव, संजय कुमार और बृजभूषण सिंह के ट्रैक्टर भी इसी तरह गिरवी रख दिए थे।

इस अभियान में मुख्य रूप से थाना लोहता के इंस्पेक्टर प्रवीन कुमार, उपनिरीक्षक विशाल कुमार सिंह, अनुज कुमार शुक्ला, हेड कांस्टेबल सत्यप्रकाश सिंह, प्रवीण कुमार सिंह, मोहन कुमार, और प्रेम पंकज सर्विलांस सेल से शामिल थे।