वाराणसी : रामनवमी पर निकली श्रीराम ध्वजा व रामकलश यात्रा, मर्यादा पुरुषोत्तम की गूंजी जय-जयकार

भगवान श्रीराम के प्रकटोत्सव के अवसर पर श्रीराम आश्रम लमही के रामपंथियों ने श्रीराम ध्वजा एवं पवित्र रामकलश यात्रा निकाली। जो सुभाष भवन से रामलीला मैदान तक पहुंची। सिर पर पवित्र रामकलश लेकर महिलाएं भगवान राम के नाम का कीर्तन करते हुए चल रही थीं। श्रीराम ध्वजा लेकर चलने वाले युवाओं ने मर्यादा पुरुषोत्तम की खूब जय-जयकार की। इससे माहौल भक्तिमय बना रहा। 
 

वाराणसी। भगवान श्रीराम के प्रकटोत्सव के अवसर पर श्रीराम आश्रम लमही के रामपंथियों ने श्रीराम ध्वजा एवं पवित्र रामकलश यात्रा निकाली। जो सुभाष भवन से रामलीला मैदान तक पहुंची। सिर पर पवित्र रामकलश लेकर महिलाएं भगवान राम के नाम का कीर्तन करते हुए चल रही थीं। श्रीराम ध्वजा लेकर चलने वाले युवाओं ने मर्यादा पुरुषोत्तम की खूब जय-जयकार की। इससे माहौल भक्तिमय बना रहा। 

पातालपुरी मठ के महंत बालक दास जी महाराज ने श्रीराम ध्वजा यात्रा का नेतृत्व किया। लमही के श्रीराम आश्रम में रामपंथियों ने गंगाजल लेकर राम राज्य की स्थापना का संकल्प लिया। कहा कि रामपंथ के पंथाचार्य डा. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि राम नाम की ही वजह से भारत शांति के मामले में दुनियां का नेतृत्व कर रहा है। रामपंथ के पवित्र नारे ‘सबके राम, सबमे राम’ ने रामभक्ति की क्रांति ला दी है। छुआछूत और भेदभाव को खत्म करने वाले इस नारे ने आदिवासी और मुसहर समाज को राम की भक्ति से जोड़ा है। आदिवासी समाज में राम काज की चेतना आ गयी है। महंत बालक दास ने कहा कि सनातनी हो या गैर सनातनी सबको अपने घर में खुशहाली के लिए राम ध्वजा को अपने घर पर लगाना चाहिए। रामपंथ सभी धर्मों जातियों के बीच सेतु का काम करेंगे। महिलाएं रामकलश को अपने सिर पर लेकर चल रही थी। सबने एक ही संदेश दिया कि हम न राम और न ही रामचरित मानस का अपमान हम बर्दाश्त करेंगे। रामपंथ के धर्म प्रवक्ता डा. कविन्द्र नारायण ने कहा कि राम सबके हैं, जगत के हैं, तो फिर धर्म के नाम पर भेद करने वाले कौन हैं? रामभक्ति में भेद खत्म हो जाता है। जब सब भेद खत्म हो जाये तो समझना चाहिए कि रामराज्य की शुरुआत हो चुकी है। 

यात्रा में डा. अर्चना भारतवंशी, डा. मृदुला जायसवाल, नजमा परवीन, नाजनीन अंसारी, ज्ञान प्रकाश, सूरज चौधरी, खुशी रमन भारतवंशी, इली भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, पूनम श्रीवस्तव, सरोज देवी, सुनीता श्रीवास्तव, उर्मिला देवी, किसुना, प्रभावती, पार्वती, गीता देवी, रेखा देवी आदि ने भाग लिया।