एनक्वास सर्टिफिकेशन में यूपी में पहले स्थान पर पहुंचा वाराणसी, आठ अस्पतालों को मिला प्रमाणपत्र
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी ने स्वास्थ्य सेवाओं में एक और उपलब्धि हासिल करते हुए एनक्वास (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड) सर्टिफिकेशन में उत्तर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह पहली बार हुआ है कि वाराणसी के चार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और चार आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एचडब्ल्यूसी) को एक साथ एनक्वास प्रमाणपत्र मिला है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि वाराणसी के शहरी पीएचसी मडुआडीह, पांडेयपुर, टाउन हॉल और दुर्गाकुंड को एनक्वास सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है। इनमें मण्डुवाडीह और पांडेयपुर को 87%, टाउन हॉल को 85% और दुर्गाकुंड को 82% अंक मिले हैं। वहीं, ब्लॉक स्तर पर आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में बरई (93%), सिंघपुर और अजगरा प्रथम (92%) तथा लालपुर (84%) ने उच्च अंक प्राप्त कर प्रमाणपत्र हासिल किया है। सीएमओ ने कहा कि इस उपलब्धि से जनपद में अब तक कुल 29 केंद्र एनक्वास सर्टिफाइड हो चुके हैं। उन्होंने सभी स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, एएनएम, आशा संगिनी, आशा कार्यकर्ताओं और ग्राम प्रधानों को इस सफलता के लिए बधाई दी।
गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरने वाले केंद्रों को मिला सर्टिफिकेशन
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. वाईबी पाठक ने बताया कि एनक्वास प्रमाणपत्र भारत सरकार द्वारा सात मुख्य मानकों के आधार पर दिया जाता है, जिसमें गर्भावस्था एवं प्रसवकालीन देखभाल, नवजात और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य सेवाएं, परिवार नियोजन, संचारी रोगों का प्रबंधन, सामान्य बीमारियों का इलाज और गैर-संचारी रोगों का प्रबंधन शामिल हैं। मंडलीय क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ. तनवीर सिद्दीकी ने बताया कि वर्तमान में 65 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के लिए एनक्वास सर्टिफिकेशन हेतु आवश्यक डेटा सक्षम पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। अब तक 29 केंद्र प्रमाणित हो चुके हैं, जबकि 5 शहरी पीएचसी और 36 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का मूल्यांकन पूरा हो चुका है, जिनका परिणाम जल्द आने की उम्मीद है।