वाराणसी : ग्रामीण बैंकों के निजीकरण के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन शुरू, कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन
वाराणसी। ग्रामीण बैंकों के निजीकरण, आईपीओ प्रस्ताव और लंबित मांगों के विरोध में देश भर के ग्रामीण बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने भारतीय मजदूर संघ (BMS) के नेतृत्व में दूसरे चरण के आंदोलन की शुरुआत कर दी है। इसी क्रम में वाराणसी में उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई और वित्त मंत्रालय को संबोधित ज्ञापन क्षेत्रीय प्रबंधक को सौंपा।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन (BMS) के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने किया। प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने स्पष्ट कहा कि ग्रामीण बैंक बाजार के नहीं, गांवों के सेवक हैं। उन्होंने ग्रामीण बैंकों के सार्वजनिक और ग्रामीण चरित्र को बचाए रखने की मांग की। ग्रामीण बैंकों का उद्देश्य ग्रामीण विकास है, अतः निजीकरण इस भावना के विरुद्ध है।
कर्मचारियों के स्थानांतरण में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। राष्ट्रीयकृत बैंकों की तर्ज पर ग्रामीण बैंक कर्मचारियों को भत्ते और सुविधाएं मिलनी चाहिए। 12वां बीपीएस और 9वां जॉइंट नोट पूर्ण रूप से लागू किया जाए। बैंकों में नई नियुक्तियों और समयबद्ध पदोन्नति की आवश्यकता है।
कर्मचारियों की सुविधा और कार्य संतुलन के लिए सप्ताह में 5 कार्य दिवस की मांग की गई। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए। प्रदर्शन में भारतीय मजदूर संघ के उपाध्यक्ष दूधनाथ राम, राष्ट्रीय सचिव अम्बरीष राय, जोनल प्रेसिडेंट विकास गर्ग, उप महामंत्री गंगाधर कुशवाहा, महामंत्री जसू चौधरी, सुनील कुमार, प्रमोद दुबे समेत बड़ी संख्या में बैंककर्मी उपस्थित रहे।