वाराणसी : धार्मिक स्थलों पर नहीं लगेगा कोई भी संपत्ति कर, नगर आयुक्त ने किया स्पष्ट
वाराणसी। धार्मिक स्थलों पर किसी भी प्रकार का संपत्ति कर नहीं लगाया जाएगा। मठ, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सहित सभी धार्मिक स्थल संपत्ति कर से पूर्ण रूप से मुक्त हैं और नगर निगम द्वारा इन पर कर लगाए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल ने स्थिति स्पष्ट की।
नगर आयुक्त ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर संपत्ति कर लगाए जाने को लेकर उठ रहे विवाद पर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि हाल ही में मठ-मंदिरों को संपत्ति कर से संबंधित जो नोटिस जारी हुए थे, वे गलतफहमी के कारण भेजे गए थे। इन नोटिसों को वापस ले लिया गया है और संबंधित त्रुटि को भी सुधार दिया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में गृह कर, जलकर और सीवर कर को संयुक्त रूप से एकीकृत बिल के रूप में जारी किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के दौरान कुछ उपासना स्थलों के मामलों में तकनीकी त्रुटि के कारण संपत्ति कर बकाया दर्शा दिया गया, जिसे अब ठीक कर लिया गया है। नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 175 और 177 में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि धार्मिक स्थल और चैरिटेबल ट्रस्ट कर से मुक्त होते हैं।
नगर आयुक्त ने यह भी बताया कि पातालपुरी मठ को पूर्व में संपत्ति कर का नोटिस जारी किया गया था, लेकिन मठ प्रबंधन के आवेदन के बाद उसे कर मुक्त कर दिया गया है। उन्होंने दोहराया कि नगर निगम द्वारा किसी भी उपासना स्थल पर कोई कर देय नहीं है।
इसके साथ ही नगर आयुक्त ने कहा कि नगर निगम द्वारा शहर के सभी धार्मिक स्थलों को चिन्हित करने की प्रक्रिया भी चल रही है, ताकि भविष्य में ऐसी कोई त्रुटि न हो। कोतवाली जोन में अब तक करीब 40 धार्मिक स्थल चिन्हित किए जा चुके हैं, जिनमें छह मस्जिद और एक गुरुद्वारा शामिल हैं।
नगर आयुक्त ने नागरिकों से अपील की कि किसी भी भ्रम या अफवाह पर ध्यान न दें और यदि किसी धार्मिक संस्था को कर संबंधी कोई नोटिस प्राप्त होता है तो वह नगर निगम से संपर्क कर स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।