वाराणसी नगर निगम की बैठक में हंगामा, सपा पार्षद ने सदन से किया वाकआउट, सफाई व्यवस्था पर मेयर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को लगाई फटकार
वाराणसी। नगर निगम की मिनी सदन बैठक गुरुवार को महापौर अशोक तिवारी की अध्यक्षता में हुई, जहां विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के दौरान माहौल गर्म हो गया। बैठक टाउन हॉल स्थित विजय नगर हॉल में दोपहर 12:30 बजे शुरू हुई। पार्षदों द्वारा सवाल पूछने का सिलसिला शुरू होते ही महापौर ने अधिकारियों के समुचित उत्तर न देने पर नाराजगी जताई।.
सपा पार्षद भैया लाल यादव और महापौर अशोक तिवारी के बीच तीखी बहस देखने को मिली। सपा पार्षद ने मेयर पर विकास कार्यों में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया। उन्होंने कहा, "शहर की समस्याओं से मेयर को कोई लेना-देना नहीं है।" इसके बाद उन्होंने दावा किया कि मेयर ने उन्हें विकास कार्यों पर सवाल उठाने से रोका।
इस दौरान हेरिटेज लाइट को लेकर सवाल उठे, जिस पर महापौर ने अभियंता अजय सक्सेना से रिपोर्ट मांगी। अभियंता ने नवरात्रि तक का समय मांगा, लेकिन महापौर ने स्पष्ट किया कि अगर रिपोर्ट समय पर नहीं आई, तो कार्रवाई की जाएगी। सदन में सपा पार्षद द्वारा किए गए व्यवहार से नाराज विपक्ष के नेता अमर देव यादव सदन छोड़ने की कोशिश की, लेकिन बाकी सदस्यों ने उन्हें मनाकर वापस बिठाया।
सपा पार्षद का मेयर को धमकी भरा बयान
सपा पार्षद भैया लाल यादव ने नगर आयुक्त के साथ विकास कार्यों पर जोरदार बहस की और मेयर को धमकी दी कि "सरकार आने पर देख लूंगा।" इसके बाद सदन में 5 मिनट तक उनके माफी मांगने के लिए हंगामा हुआ, जिसे महापौर ने भाजपा पार्षदों को शांत कराके रोका।
पेट्रोल पंप पर नगर निगम को हो रहा नुकसान
मदन मोहन दूबे ने निगम के पेट्रोल पंप बंद होने से हो रहे नुकसान का मुद्दा उठाया। प्रभारी परिवहन अजय सक्सेना ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया, जिससे बैठक में असंतोष पैदा हुआ।
सड़क और सीवर की समस्याओं पर जोर
बैठक के दौरान 40 से अधिक पार्षदों ने शहर में सड़कों और सीवर की समस्याओं को उठाया। पार्षद संजय कुमार गुजराती ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत गलियों में लगाए गए चौका-पत्थरों की मरम्मत की आवश्यकता बताई, जबकि सपा पार्षद भैया लाल यादव ने सीवर और पानी की समस्याओं का समाधान जल्द कराने की मांग की।
सफाई व्यवस्था पर मेयर का सख्त रुख
सफाई कर्मचारियों की सही संख्या का जवाब न दे पाने पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी को मेयर ने फटकार लगाई और 10 मिनट के भीतर पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया। साथ ही सभी पार्षदों को सफाईकर्मियों और सुपरवाइजर्स के नाम और नंबर उपलब्ध कराने की मांग की। बैठक के अंत में नई विज्ञापन पॉलिसी पर भी विस्तार से चर्चा की गई, साथ ही सड़क, पानी, सीवर, अतिक्रमण, सफाई, छुट्टा पशुओं और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा जारी रही।