वट सावित्री पूजा : सुहागिन महिलाओं ने की वट सावित्री पूजा, अखंड सौभाग्य का मांगा आशीर्वाद 

सुहागिन महिलाओं ने ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि शुक्रवार को वट सावित्री की पूजा की। इस दौरान वट वृक्ष का विधिविधान से पूजन किया। वट वृक्ष की सात बार परिक्रमा कर धागा बांधकर सात जन्मों तक पति के साथ का आशीर्वाद मांगा। साथ ही घर-परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। 
 

वाराणसी। सुहागिन महिलाओं ने ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि शुक्रवार को वट सावित्री की पूजा की। इस दौरान वट वृक्ष का विधिविधान से पूजन किया। वट वृक्ष की सात बार परिक्रमा कर धागा बांधकर सात जन्मों तक पति के साथ का आशीर्वाद मांगा। साथ ही घर-परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। 

आचार्य सत्यनारायण मिश्र ने बताया कि सावित्री का स्वरूप वट वृक्ष का माना गया है। इसे भगवान शिव का भी स्वरूप माना जाता है। ऐसे में सुहागिन महिलाएं वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) के दिन वट वृक्ष की पूजा-अर्चना कर रही हैं। भगवान शिव व वट वृक्ष से सात जन्मों तक पति के साथ का आशीर्वाद मिलता है। सुहागिन महिला पिंकी वर्मा ने कहा कि वट सावित्री की पूजा पतियों की दीर्घायु के लिए की जाती है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। माता सावित्री (Savitri) ने अपने पति के लिए यह पूजा की थी। 

 साधना जायसवाल ने बताया कि ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन माता सावित्री ने यह व्रत किया था। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। हम सभी ने अपने सुहाग के लंबी आयु की कामना के लिए यह व्रत किया। कहा कि सावित्री माता की तरह ही शिव जी के स्वरूप वट की पूजा की। सात फेरे लेकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा। बताया कि कुछ महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती है कुछ पूजा के समय तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करती हैं। अस्सी घाट पर भी सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री के दिन वट वृक्ष की पूजा की। इस दौरान सात फेरे लगाकर पतियों की दीर्घायु का आशीर्वाद मांगा। वहीं घर-परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। 


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