वाराणसी: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ‘दिव्यांग साथी पोर्टल’ किया लांच, आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण कार्यों का किया शुभारंभ, बेटियों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर दिया जोर

 
वाराणसी। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सोमवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचीं, जहां उन्होंने कमिश्नरी सभागार में विभिन्न नवीन कार्यों का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने ‘दिव्यांग साथी पोर्टल’ का शुभारंभ किया और साथ ही 600 आंगनबाड़ी केंद्रों को किट वितरित कर उनके सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।

अपने संबोधन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बताया कि वाराणसी में स्थित लगभग दो हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों का सुदृढ़ीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने इस कार्य को बाल विकास के लिए बेहद जरूरी बताते हुए कहा कि जब वह 1998 में गुजरात सरकार में महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री थीं, तब भी उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों के विकास के लिए विशेष प्रयास किए थे।

उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में गांव की महिलाओं को प्राथमिकता देकर उन्हें सशक्त बनाया गया था, ताकि ये केंद्र सुचारू रूप से कार्य कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पौष्टिक आहार देने और स्वच्छता बनाए रखने की जरूरत है, जिससे कुपोषण की समस्या से निपटा जा सके।

राज्यपाल ने बेटा-बेटी में भेदभाव को खत्म करने पर जोर देते हुए कहा कि समाज में यह मानसिकता बदलनी होगी कि बेटियां बोझ होती हैं। उन्होंने लोगों को प्रेरित किया कि बेटियों को शिक्षा और स्वास्थ्य का पूरा अधिकार मिले। उन्होंने कहा कि किसी भी गांव का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए यह सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि सभी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों तक लाया जाए।

उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, सुपरवाइजर और सीडीपीओ को निर्देशित किया कि वे बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण, खेलकूद, योग और शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। राज्यपाल ने कहा कि विद्यालयों में हेल्थ कैंप का आयोजन नियमित रूप से किया जाना चाहिए, जिससे बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी लाभ मिल सके।

महिला बीमारियों को छुपाए नहीं, इलाज कराएं: राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण केवल उनके रोजगार से ही नहीं, बल्कि उनके स्वास्थ्य और वित्तीय स्वतंत्रता से भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि महिलाएं यदि किसी बीमारी से ग्रसित होती हैं, तो उसे छुपाने की बजाय समय पर इलाज कराएं, ताकि समय रहते उचित उपचार हो सके।

इसके अलावा, एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) के सहयोग से एक नई पहल की गई है, जिसके तहत महिलाओं को शेयर मार्केट की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को निवेश के सही तरीकों की जानकारी होगी, तो वे अपनी बचत को सही जगह लगाकर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकती हैं।

संस्कार की पाठशाला को मिली सराहना

राज्यपाल ने प्रशासन द्वारा चलाई जा रही ‘संस्कार की पाठशाला’ पहल की सराहना की और इसे आगे बढ़ाने की बात कही। इस कार्यक्रम के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को आमंत्रित किया जाता है, जो बच्चों को सिलाई-कढ़ाई, अनुशासन, संगीत और शिक्षा प्रदान करते हैं।

इस पहल के अंतर्गत कांति देवी बच्चों को सिलाई, कढ़ाई और बुनाई सिखाती हैं, जबकि पूर्व सैनिक समसुद्दीन उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं। सुशीला देवी बच्चों को गायन सिखाती हैं और तारा देवी सिगरा पाठशाला में उन्हें पढ़ाई-लिखाई में सहयोग देती हैं। राज्यपाल ने इन सभी को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया।

दिव्यांग साथी पोर्टल का किया शुभारंभ

राज्यपाल ने दिव्यांगजनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ‘दिव्यांग साथी पोर्टल’ का शुभारंभ किया। इस पोर्टल का उद्देश्य दिव्यांगजनों को सभी आवश्यक सुविधाएं एक ही मंच पर उपलब्ध कराना है। उन्होंने शकुंतला पुनर्वास विश्वविद्यालय को इस पोर्टल पर अपनी सभी जानकारियां अपलोड करने के निर्देश दिए, ताकि दिव्यांगजन इससे अधिकतम लाभ उठा सकें।

राज्यपाल ने एसबीआई, गेल और एनएसई को निर्देश दिए कि वे वाराणसी में आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के बाद अन्य जिलों में भी इस कार्य को बढ़ावा दें। उन्होंने जानकारी दी कि अयोध्या में 75 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है और जिन स्थानों पर आंगनबाड़ी केंद्र नहीं हैं, वहां इन्हें स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने की राज्यपाल के प्रयासों की सराहना

कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री और विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को ‘मातृत्व एवं ममता की खान’ बताते हुए उनके प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गुजरात में उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

सदस्य विधान परिषद धर्मेंद्र सिंह ने भी राज्यपाल के प्रयासों की सराहना की और रंगभरी एकादशी की बधाई देते हुए केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा ने भी विभिन्न एमओयू हस्तांतरण, किट वितरण और दिव्यांग साथी पोर्टल के शुभारंभ के लिए राज्यपाल को बधाई दी।

विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल के रूप में आनंदीबेन पटेल द्वारा प्रदेश के विकास और बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के भविष्य संवारने का एक महत्वपूर्ण मंच बताया।

प्रशासनिक अधिकारियों को दिया सम्मान

कार्यक्रम की शुरुआत में जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और एनएसई के मुख्य नियमन अधिकारी अंकित शर्मा ने राज्यपाल को पुस्तक और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया।

अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने बताया कि वाराणसी में विभिन्न एमओयू के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण को बढ़ावा दिया गया है, जिससे इन केंद्रों में आने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि ‘दिव्यांग साथी पोर्टल’ से दिव्यांगों को सभी आवश्यक सुविधाएं एक ही मंच पर मिलेंगी, जिससे उनकी परेशानियां कम होंगी।

मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास सेवा) के अंतर्गत वाराणसी लगातार प्रथम स्थान पर बना हुआ है। इस उपलब्धि के लिए जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी को राज्यपाल द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा, धर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल सहित एनएसई, एसबीआई और गेल के अधिकारी भी उपस्थित रहे।