वाराणसी : अवैध निर्माण पकड़ेगा जियोट्रिक्स साफ्टवेयर, 200 वर्ग किलोमीटर तक सैटेलाइज इमेज लेने की क्षमता 

विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने शहर में अवैध निर्माणों की पहचान और निगरानी के लिए अत्याधुनिक जिओट्रिक्स सॉफ्टवेयर का उपयोग शुरू किया है। इस पहल के तहत सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करते हुए शहर के 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अवैध निर्माणों और नई प्लॉटिंग का सटीक पता लगाया जाएगा। गुरुवार को प्राधिकरण सभागार में उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इसमें एडवांस सैटेलाइट परिवर्तन सॉफ्टवेयर के विशेषज्ञों ने सॉफ्टवेयर की तकनीकी क्षमताओं पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया। जोनल अधिकारियों और अवर अभियंताओं को सॉफ्टवेयर की कार्यप्रणाली, डिजिटल मैपिंग, और निगरानी तकनीकों से परिचित कराया गया।
 

वाराणसी। विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने शहर में अवैध निर्माणों की पहचान और निगरानी के लिए अत्याधुनिक जिओट्रिक्स सॉफ्टवेयर का उपयोग शुरू किया है। इस पहल के तहत सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करते हुए शहर के 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अवैध निर्माणों और नई प्लॉटिंग का सटीक पता लगाया जाएगा। गुरुवार को प्राधिकरण सभागार में उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इसमें एडवांस सैटेलाइट परिवर्तन सॉफ्टवेयर के विशेषज्ञों ने सॉफ्टवेयर की तकनीकी क्षमताओं पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया। जोनल अधिकारियों और अवर अभियंताओं को सॉफ्टवेयर की कार्यप्रणाली, डिजिटल मैपिंग, और निगरानी तकनीकों से परिचित कराया गया।

इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्राधिकरण को अवैध निर्माण की समय पर जानकारी मिलेगी, जिससे कार्रवाई को तेज और प्रभावी बनाया जा सकेगा। सॉफ्टवेयर का उपयोग केवल अवैध निर्माणों की पहचान तक सीमित नहीं है; यह नए प्लॉटिंग क्षेत्रों की जानकारी भी देगा, जिससे नगर नियोजन अधिक व्यवस्थित और सटीक हो सकेगा। डिजिटल मैपिंग के जरिए पूरे शहर का डिजिटल नक्शा तैयार किया जाएगा, जो भूमि उपयोग और आवासीय योजनाओं के लिए बेहतर डेटा प्रदान करेगा। इस पहल के तहत जमीनी स्तर पर अधिकारी निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगे और संबंधित डेटा को सॉफ्टवेयर पर अपलोड करेंगे।

उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने जिओट्रिक्स सॉफ्टवेयर को शहर के नियोजित विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस तकनीक का उपयोग भविष्य की सभी योजनाओं में किया जाएगा, जिससे वाराणसी स्मार्ट और व्यवस्थित शहर बनने की ओर अग्रसर होगा। यह पहल न केवल अवैध निर्माण पर अंकुश लगाएगी बल्कि शहर के दीर्घकालिक नियोजित विकास को भी सुगम बनाएगी, जिससे वाराणसी के विकास की नई दिशा तय होगी। प्रशिक्षण सत्र में प्राधिकरण के संयुक्त सचिव परमानंद यादव, आईटी अनुभाग के दिनेश सिंह, और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।