वाराणसी : वरूणा किनारे फिर गरजा विकास प्राधिकरण का बुलडोजर, लान कराया ध्वस्त, बिल्डिंग सील
वाराणसी। वरूणा किनारे ग्रीन बेल्ट में मानक की अनदेखी कर कराए गए निर्माण पर विकास प्राधिकरण की कार्रवाई लगातार जारी है। दो होटलों को ध्वस्त कराने के बाद लान पर वीडीए का बुलडोजर चला। सिकरौल वार्ड में वरूणा ग्रीन बेल्ट में 26 विस्वा में अवैध रूप से निर्मित लान को बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया। वहीं नगवां वार्ड में बिना नक्शा पास कराए निर्मित तीन मंजिला बिल्डिंग को सील कर दिया गया। प्राधिकरण की कार्रवाई से अवैध निर्माणकर्ताओं में खलबली मची रही।
सिकरौल वार्ड में वरूणा नदी के किनारे 50 मीटर के अन्दर वाराणसी विकास प्राधिकरण की महायोजना-2031 में नियत ग्रीन बेल्ट के अंतर्गत अनाधिकृत रूप से लगभग 26 बिस्वा क्षेत्रफल में लॉन का निर्माण कर राजाराम यादव, हीरा यादव एवं मुन्ना लाल यादव की ओर से व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था, जिसे सोमवार को जोन-1 की प्रवर्तन टीम के नेतृत्व में ध्वस्त कराया गया। कार्रवाई के दौरान संयुक्त सचिव परमानन्द यादव, जोनल अधिकारी सिंह गौरव जयप्रकाश (जोन -1), संजीव कुमार (जोन-2), अवर अभियंता अतुल मिश्रा, अम्बरीश शर्मा (जोन-1), जेपी गुप्ता, विनोद कुमार ( जोन-2) उपस्थित रहे।
नगवॉ वार्ड के डाफी मौजा में रीता कुमारी पुत्री रामआधार प्रसाद की ओर से पुराना आराजी संख्या-330/1, नया आ.सं.-188ख, पर बिना मानचित्र स्वीकृत कराए लगभग 465.15 वर्गमीटर के भूखण्ड पर जी +3 तलों का निर्माण पूर्ण कर फिनिशिंग आदि का कार्य गतिमान रखने पर सम्पूर्ण अनधिकृत निर्माण के विरूद्ध उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की सुसंगत धारा-27, 28(i) एवं 28(ii) के अन्तर्गत नोटिस की कार्रवाई की गई थी। वर्तमान में स्थल पर विपक्षी की ओर से लगभग 465.15 वर्गमीटर के भूखण्ड पर जी +3 तलों का निर्माण पूर्ण कर फिनिशिंग आदि का कार्य निरन्तर किया जा रहा था। जोनल अधिकारी के निर्देशन में समस्त प्राधिकरण स्टाफ की उपस्थिति में भवन को सील कर पुलिस अभिरक्षा में सतत् निगरानी हेतु सौंप दिया गया।
वहीं नगवां वार्ड में सद्दाम हुसैन पुत्र स्व. अहमद हाजी की ओर से भवन सं.-एन-13/35ए-163-बी, आराजी सं.-306, बृज इनक्लैब कालानी, सरायसुरजन पर स्वीकृत मानचित्र सं0-VDA/BP/22-23/1116 के विपरीत लगभग 22.94 m. x 25.24 m. वर्गमीटर के क्षेत्रफल में फ्रंट सेटबैक, साइड सेटबैक, रेयर सेटबैक को प्रभावित करते हुए तृतीय तल पर सटरिंग कर स्लैब डालकर निर्माण कार्य निरन्तर किया जा रहा था। इस पर भवन को सील कर दिया गया।