वाराणसी : तीन दिन की वृद्धि के बाद गंगा के जलस्तर में ठहराव, 64 मीटर से ऊपर पहुंचा जलस्तर
- गंगा में पानी बढ़ने से टूटा 84 घाटों का आपसी संपर्क
- दशाश्वमेध और अस्सी घाट पर बदला गया आरती स्थल
- घाटों किनारे के मंदिरों में घुसा पानी, तटवर्ती इलाके में लोग सशंकित
वाराणसी। तीन दिनों तक लगातार वृद्धि के बाद बुधवार की सुबह गंगा के जलस्तर में ठहराव देखने को मिला। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जलस्तर स्थिर था। वाराणसी में गंगा 64 मीटर के ऊपर पहुंच गई हैं। जलस्तर 64.02 मीटर रिकार्ड किया गया। केंद्रीय जल आयोग के साथ ही एनडीआरएफ, जल पुलिस और प्रशासन गंगा के जलस्तर की निगरानी कर रहा है।
पर्वतीय इलाकों में भीषण बारिश के बाद रविवार से गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि शुरू हो गई थी। रविवार को एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पानी बढ़ रहा था। वहीं सोमवार को 6 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पानी बढ़ने लगा। मंगलवार को तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा रफ्तार रही। तीन दिनों तक जलस्तर बढ़ने के चलते काशी में 84 घाटों का आपसी संपर्क टूट गया। दशाश्वमेध और अस्सी घाट पर आरती स्थल बदलना पड़ा। तटवर्ती इलाके के मंदिर भी डूब गए।
वाराणसी में गंगा में चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है। ऐसे में जलस्तर अभी चेतावनी बिंदु से लगभग 6 मीटर नीचे है। हालांकि यदि गंगा के जलस्तर में दोबारा तेजी से वृद्धि शुरू हुई तो जल्द ही पानी चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच जाएगा। ऐसे में निगरानी बढ़ा दी गई है।
मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट पर बदले गए शवदाह स्थल
गंगा का पानी मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के शवदाह स्थल तक भी पहुंच गया है। इससे शवदाह का स्थान बदलना पड़ा। गंगा के जलस्तर में वृद्धि से तटवर्ती इलाके में दुश्वारियां काफी बढ़ जाती हैं। ऐसे में लोग सशंकित हैं।