राहत : वाराणसी में घट रहा गंगा का जलस्तर, मेयर और डीएम ने अफसरों संग किया निरीक्षण, बोले, हर बाढ़ प्रभावित व्यक्ति तक पहुंचे राहत 

गंगा अब घटाव पर हैं, लेकिन जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। ऐसे में तटवर्ती इलाकों में दुश्वारियां बरकरार हैं। हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। महापौर अशोक कुमार तिवारी, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल, एसीपी भेलुपूर सहित अफसरों के साथ मोटर बोट से रविदास घाट से हरिश्चंद्र घाट और ज्ञान प्रवाह तक निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित लोगों तक हर हाल में मदद पहुंचनी चाहिए। इसमें किसी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं है। 
 

वाराणसी। गंगा अब घटाव पर हैं, लेकिन जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। ऐसे में तटवर्ती इलाकों में दुश्वारियां बरकरार हैं। हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। महापौर अशोक कुमार तिवारी, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल, एसीपी भेलुपूर सहित अफसरों के साथ मोटर बोट से रविदास घाट से हरिश्चंद्र घाट और ज्ञान प्रवाह तक निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित लोगों तक हर हाल में मदद पहुंचनी चाहिए। इसमें किसी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं है। 

डीएम ने कहा कि राहत सामग्री और अन्‍य व्‍यवस्‍थाएं दुरूस्त होनी चाहिए। बाढ़ राहत शिविर हुकुलगंज के निरीक्षण के दौरान महापौर और पार्षद ने आसपास के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे परिवारों के बारे में जिलाधिकारी को अवगत कराया। जिलाधिकारी ने कहा कि जितने भी परिवार के लोग अपने घर में दूसरे या तीसरे तल पर रह रहे हैं, उनके खाने पीने की सामग्री या राहत किट प्रदान की जाए। उन्होंने राहत शिविरों को पूरी क्षमता के साथ संचालित कराने के निर्देश दिए। 

जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों के राहत और सुरक्षा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। राहत शिविर में पुरुष व महिला सिपाहियों की तैनाती के साथ ही शाम तक शिविर में ही खाने बनाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बोले, सभी विस्थापित परिवारों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित कराएं। उन्होंने सीएमओ से फोन पर बात कर मेडिकल टीम तैनात करने के निर्देश दिए। 

कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों से संवाद करें और उनकी समस्या का समाधान कराएं। उन्होंने कहा कि सभी राहत शिविरों में राहत सामग्री और भोजन पैकेट की आपूर्ति समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए। किसी भी स्थिति में खाद्यान्न की गुणवत्ता या मात्रा से समझौता नहीं होना चाहिए। सभी राहत शिविरों में वैकल्पिक प्रकाश व्यवस्था के लिए जनरेटर की व्यवस्था करें। राहत शिविरों में भोजन, दवा, साफ-सफाई और महिलाओं व बच्चों की आवश्यकताओं की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। करने के निर्देश दिए। 

जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले 12 घंटे में 8 सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर घटा है, लेकिन अभी भी खतरे के निशान के ऊपर गंगा बह रही हैं। लगभग 4500 लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित सही स्थान पहुंचने का काम किया जा रहा है। महापौर ने कहा कि वाराणसी में जहां जहां बाढ़ की शिकायत मिली थी, हमने पार्षदों के साथ दौरा किया है। हरिश्चंद्र घाट से सामने घाट तक राशन बांटने का काम किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान एसीएम, एसीपी भेलुपूर, नगवा के पार्षद प्रतिनिधी रविन्द्र सिंह, भगवानपुर के पार्षद चिंटू सिंह, कंचनपुर के पार्षद विनीत सिंह समेत अन्य मौजूद रहे। 

नगर के 28 वार्ड बाढ़ प्रभावित
गंगा के जलस्तर में मंगलवार रात से ही कमी आनी शुरू हो गई। बुधवार सुबह 10 बजे जलस्तर 72.8 मीटर रिकॉर्ड किया गया। नगर के 28 वार्ड बाढ़ से प्रभावित है। 24 बाढ़ राहत शिविर बनाया गया है। जिसमें 4500 लोग बाढ़ राहत शिविर में शरण लिए हुए है। सभी जगह रिलीफ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे है। जो लोग घरों में है उनसे संपर्क कर उनको राहत सामग्री संपर्क कर पहुंचाई जा रही है।

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