वाराणसी : दो घंटे डिजिटल अरेस्ट रहे पूर्व कुलपति, पहलगाम आतंकी हमले से कनेक्शन का दिखाया भय, राज्यमंत्री को फोन कर पत्नी ने बचाया

साइबर अपराधियों की नई चाल का शिकार बने अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के पूर्व कुलपति और प्रोफेसर डॉ. गुलाबचंद्र राम जायसवाल को लगभग दो घंटे तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया। इस दौरान ठगों ने उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने का भय दिखाकर मानसिक दबाव बनाया। स्थिति तब संभली, जब प्रोफेसर की पत्नी ने सजगता दिखाते हुए राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल को फोन किया और तत्काल हस्तक्षेप से उन्हें इस जाल से बाहर निकाला गया।
 

वाराणसी। साइबर अपराधियों की नई चाल का शिकार बने अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के पूर्व कुलपति और प्रोफेसर डॉ. गुलाबचंद्र राम जायसवाल को लगभग दो घंटे तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया। इस दौरान ठगों ने उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने का भय दिखाकर मानसिक दबाव बनाया। स्थिति तब संभली, जब प्रोफेसर की पत्नी ने सजगता दिखाते हुए राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल को फोन किया और तत्काल हस्तक्षेप से उन्हें इस जाल से बाहर निकाला गया।

28 दिसंबर को दोपहर करीब 2 बजे डॉ. गुलाबचंद्र राम जायसवाल के मोबाइल फोन पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताया और कहा कि उनके फोन नंबर का इस्तेमाल पहलगाम आतंकी वारदात से जुड़े एक वीडियो कॉल में हुआ है। इसके बाद ठगों ने वीडियो कॉल कर पुलिस वर्दी में बैठे व्यक्ति को दिखाया और मामला गंभीर बताते हुए डराने लगे। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है और किसी से संपर्क न करने की हिदायत दी।

लगातार धमकियों और कानूनी कार्रवाई का भय दिखाकर ठगों ने उनसे बैंक खाते, दस्तावेज और अन्य जानकारियां जुटाने का प्रयास किया। हालांकि इस बीच डॉ. जायसवाल की पत्नी को संदेह हुआ। उन्होंने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी।

राज्यमंत्री ने तत्परता दिखाते हुए साइबर सेल और स्थानीय पुलिस से बात की तथा ठगी की आशंका जताई। इसके बाद ठगों द्वारा की जा रही वीडियो कॉल को होल्ड पर रखवाया गया और पूर्व कुलपति को भरोसा दिलाया गया कि वे किसी भी प्रकार के अपराध में शामिल नहीं हैं। मंत्री के हस्तक्षेप के बाद साइबर ठगों का दबाव समाप्त हुआ और कॉल कटते ही प्रोफेसर सुरक्षित बाहर आ सके।

इस मामले में सिगरा थाने में प्राथमिक दर्ज कराई गई है। थाना प्रभारी के अनुसार प्रकरण की जांच साइबर सेल की मदद से की जा रही है और कॉल करने वालों की पहचान तथा उनके नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, वीडियो कॉल या धमकी से घबराएं नहीं, न ही व्यक्तिगत या बैंक संबंधी जानकारी साझा करें। संदेह की स्थिति में तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें।