वाराणसी :  स्वर्वेद मंदिर पहुंचे डीएम व पुलिस कमिश्नर, वार्षिकोत्सव की तैयारी देखी 

जिलाधिकारी एस राजलिंगम व पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन गुरुवार को उमरहां स्थित स्वर्वेद मंदिर पहुंचे। उन्होंने दिव्य साधना केंद्र स्वर्वेद महामंदिर धाम पर विहंगम योग संत समाज के 100 वें वार्षिकोत्सव पर आयोजित होने जा रहे 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ की तैयारी देखी। इस दौरान संत प्रवर विज्ञान देव महाराज व अन्य से कार्यक्रम सम्बंधित विस्तृत विचार-विमर्श किया। आगामी 17 एवं 18 दिसम्बर को स्वर्वेद महामंदिर धाम के प्रांगण में राष्ट्र के सर्वतोन्मुखी विकास की कामना से 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ आयोजित होगा। 
 

वाराणसी। जिलाधिकारी एस राजलिंगम व पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन गुरुवार को उमरहां स्थित स्वर्वेद मंदिर पहुंचे। उन्होंने दिव्य साधना केंद्र स्वर्वेद महामंदिर धाम पर विहंगम योग संत समाज के 100 वें वार्षिकोत्सव पर आयोजित होने जा रहे 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ की तैयारी देखी। इस दौरान संत प्रवर विज्ञान देव महाराज व अन्य से कार्यक्रम सम्बंधित विस्तृत विचार-विमर्श किया। आगामी 17 एवं 18 दिसम्बर को स्वर्वेद महामंदिर धाम के प्रांगण में राष्ट्र के सर्वतोन्मुखी विकास की कामना से 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ आयोजित होगा। 

महायज्ञ में भारत को और भी शक्तिशाली बनाने की कामना होगी। हमारा देश आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टि से, हर एक दृष्टिकोण से आगे बढ़े। भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति के दृढ़ आधार से ही सम्पूर्ण विश्व में सुख-शांति-समृद्धि की स्थापना संभव है। सबके कल्याण की इसी पवित्र भावना से यह महायज्ञ आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम की सफलता के लिए सुपूज्य संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक 25 राज्यों और 4 केंद्र-शासित प्रदेशों में सड़क मार्ग से 28709 किमी की यात्रा कर सभी को इस महायज्ञ के संकल्प से जोड़ा है। देश भर से लगभग डेढ़ लाख दम्पति इस महायज्ञ में एक साथ, एक समय, एक स्थान पर बैठकर अपनी व्यष्टिगत एवं समष्टिगत कामनाओं की पूर्ति के लिए आहुतियां देंगे। 


वर्ष 2017 में 21 हजार कुण्डीय स्वर्वेद उत्तरार्द्ध ज्ञान महायज्ञ का दिव्य कीर्तिमान आयोजन हुआ था। अब उससे भी आगे बढ़ते हुए यह विहंगम योग के इतिहास का सबसे वृहत्तम आयोजन होगा। इस विशालतम महायज्ञ की तैयारियां चरम पर हैं। लगभग दो सौ एकड़ में विस्तृत यह महायज्ञ क्षेत्र मानों एक महाकुम्भ का दिग्दर्शन करा रहा हो। इसमें आवास व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कुल 14 नगर बनाए जा रहे हैं, जो लगभग 20 लाख वर्गफुट में होगा। लगभग 5 किलोमीटर की अस्थायी सड़कें भी बनायी जा रही हैं। परिसर में एवं परिसर के बाहर वृहद् पार्किंग स्थल की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही साथ आगत भक्त शिष्यों की भोजन एवं आवास की वृहद् व्यवस्था की गयी है।