वाराणसी: 6 वर्षों में कैंसर के मरीजों में बेतहाशा वृद्धि, 15 हजार मरीजों में पुरुषों में मुंह और महिलाओं में स्तन कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज

 
वाराणसी। जनपद में कैंसर के मरीजों में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, ऐसा आंकड़े बता रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 6 वर्षों में वाराणसी में 15 हजार लोग कैंसर की गिरफ्त में आ चुके हैं। इनमें बीमारी की चपेट में आने वालों में ज्यादातर पुरुष हैं। वहीं अगर पुरुषों में होने वाले कैंसर की बात करें, तो सबसे अधिक मामले मुंह के कैंसर से जुड़े हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण तंबाकू व पान सुपारी के उत्पादों का सेवन करना है। ‘विश्व कैंसर दिवस’ की पूर्व संध्या पर महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल स्थित ‘पॉप्यूलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री रिपोर्ट’ (पीबीसीआर) द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उक्त जानकारी दी गई।


गौरतलब है कि हर साल 4 फरवरी को "विश्व कैंसर दिवस" के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना है। विश्व कैंसर दिवस के इस साल की थीम "क्लोज द केयर गैप: एवरीवन डिजर्व एक्सेस टू कैंसर केयर है", जिसका सरल शब्दों में अर्थ कैंसर के मरीजों के लिए इलाज की समुचित व्यवस्था का होना है, ताकि हर किसी को बेहतर इलाज मिलना है। 

2017 में हुई थी PBCR की शुरुआत

टाटा स्मारक केंद्र मुंबई द्वारा 2017 में वाराणसी में  (पीबीसीआर) की शुरुआत की गई थी। जिसका मुख्य उद्देशय वाराणसी में होने वाले कैंसर मामलों पर नजर रखना है। पीबीसीआर के हालिया रिपोर्ट के अनुसार 2017 से लेकर अब तक वाराणसी में कुल 15725 कैंसर मरीज पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें 8596 पुरुष कैंसर मरीज हैं, जबकि 7129 महिला कैंसर मरीज हैं। बता दें कि रजिस्ट्री हर साल मरीजों का आंकड़ा जुटाती है, ताकि बीमारी का ट्रेंड पता चलता रहे।  


पीबीसीआर की प्रभारी डॉ० दिव्या खन्ना ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों में होने वाले सबसे अधिक कैंसर के मामले मुंह, जीभ, फेफड़े, प्रोस्टेट, लिवर और गॉल ब्लैडर से जुड़े हैं। वहीं महिलाओं में सबसे अधिक मामले स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा के मुख का कैंसर, गॉल ब्लैडर,ओवरी, और मुख का कैंसर है। इनमें से ज्यादातर कैंसर तंबाकू व शराब के सेवन, खराब जीवन शैली, मोटापा इत्यादि के कारण देखने को मिल रहे हैं, जिसे काफी हद तक रोका जा सकता है। कैंसर समाज के हर तबके के लोगों को प्रभावित कर रहा है, लेकिन समय पर जांच एवं जागरूकता से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर पैप स्मियर टेस्ट से शुरुआती स्तर पर पहचाना जा सकता है, बशर्ते समय पर जांच जरूरी है।


अब तक 1.39 लाख की कैंसर स्क्रीनिंग

किसी भी बीमारी के बेहतर प्रबंधन के लिए समय पर जांच काफी अहम है अतः अस्पताल द्वारा कैंसर का इलाज देने के साथ ही व्यापक स्तर पर कैंसर जांच अभियान भी चलाए जा रहे हैं। 2020 से लेकर अब तक अस्पताल द्वारा अलग-अलग कार्यक्रम के तहत वाराणसी के तकरीबन सभी ब्लाक में विशेष अभियान चलाकर 1.39 लाख लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसमें मुख,स्तन व गर्भाशय ग्रीवा के मुख का कैंसर मुख्य रूप से शामिल हैं। 

महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर (स्क्रीनिंग) डॉ. रूचि पाठक और डॉ. दिव्या खन्ना ने बताया कि 1.39 लाख लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग में 6307 लोगों में कैंसर जैसे लक्षण की आशंका होने पर उन्हें आगे की जांच के लिए रेफर किया गया, हालांकि इसमें से केवल 1813 (तकरीबन एक तिहाई) लोग ही जांच के लिए अस्पताल आए, जिनमें से 72 लोगों में कैंसर की पुष्टि होने के बाद उनका इलाज शुरू कर दिया गया। हमने अक्सर देखा है कि लोग जांच के लिए आगे नहीं आते, जिससे समय पर बीमारी का पता नहीं चल पाता और जब बीमारी होती है तो वह अडवांस्ड स्टेज में पहुंच जाती है, जिससे बीमारी का प्रबंधन मुश्किल होता है। 


अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने बताया कि उत्तर प्रदेश एवं पड़ोसी राज्यों के कैंसर मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के साथ ही अस्पताल द्वारा लगातार लोगों को जांच अभियान द्वारा जागरूक भी किया जा रहा। विश्व कैंसर दिवस के थीम को ध्यान में रखते हुए टाटा स्मारक केंद्र हर किसी के लिए कैंसर इलाज की सहूलियत हेतु देश के विभिन्न हिस्सों में नए सेंटर शुरू कर रहा, जिससे आने वाले  दिनों में मरीजों को उनके घर के पास ही बेहतर सुविधा मिल सकेगी।