वाराणसी : पारिवारिक कलह के बाद दो मासूम बेटों को उफनाई गंगा में फेंका, खुद भी कूद गया, शख्स को बचाया, बेटे लापता

चौबेपुर थाना क्षेत्र के बभनपुरा स्थित रिंग रोड फेज-3 के गंगा पुल पर सोमवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। 30 वर्षीय दुर्गा सोनकर ने पहले अपने दो मासूम बेटों संदीप (7) और आशीष (5) को गंगा में फेंक दिया और फिर खुद भी छलांग लगा दी। हालांकि कुछ देर बाद दुर्गा को स्थानीय लोगों ने बचा लिया, लेकिन दोनों बच्चे अब भी लापता हैं। एनडीआरएफ उनकी तलाश कर रही है। 
 

वाराणसी। चौबेपुर थाना क्षेत्र के बभनपुरा स्थित रिंग रोड फेज-3 के गंगा पुल पर सोमवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। 30 वर्षीय दुर्गा सोनकर ने पहले अपने दो मासूम बेटों संदीप (7) और आशीष (5) को गंगा में फेंक दिया और फिर खुद भी छलांग लगा दी। हालांकि कुछ देर बाद दुर्गा को स्थानीय लोगों ने बचा लिया, लेकिन दोनों बच्चे अब भी लापता हैं। एनडीआरएफ उनकी तलाश कर रही है। 

थाना क्षेत्र के चांदपुर निवासी दुर्गा सोनकर फल-सब्जी बेचकर परिवार का पालन करता है। परिजनों के अनुसार, बीसी समूह (घरेलू बचत समिति) के पैसों को लेकर दुर्गा का परिवार से विवाद चल रहा था। इसी मानसिक तनाव में आकर वह सोमवार दोपहर करीब 12 बजे अपने दोनों बेटों को लेकर गाड़ी से बभनपुरा स्थित गंगा पुल पहुंचा।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्गा ने पहले छोटे बेटे आशीष को गोद में उठाकर नदी में फेंका, फिर संदीप को भी नीचे धकेल दिया। संदीप चीख पड़ा, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। इसके बाद दुर्गा खुद भी कूद गया। दोपहर करीब 1.50 बजे मुस्तफाबाद रेता के पास बहते हुए उसे लोगों ने देखा। स्थानीय लोग नाव लेकर मौके पर पहुंचे और उसे बचाकर किनारे लाए।

दुर्गा को प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है। पूछताछ में उसने बताया कि घरेलू कलह से वह मानसिक रूप से टूट चुका था और उसे लगने लगा था कि अब सब खत्म कर देना चाहिए। घर से निकलते वक्त उसने छोटे भाई से कहा था, "आज सब खत्म कर दूंगा।" भाई ने रोकने की कोशिश भी की, लेकिन वह नाकाम रहा। पुलिस का कहना है कि मां मंजू देवी ने तहरीर दी है। उसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।