काशी में अनोखी शादी: गर्मी से निजात पाने को कराई गयी मेंढक मेंढकी की शादी, रस्मों को पूरा कर कराया गया सिंदूरदान

 
वाराणसी। सनातन धर्म में अनगिनत परम्पराएं हैं। पुराणों के मुताबिक, सनातन धर्म में प्रकृति की पूजा की जाती है। इसी क्रम में धार्मिक नगरी काशी में देवताओं के राज इंद्र को प्रसन्न करने के लिए मेंढक व मेंढकी की अनोखी शादी रचाई गई। 

दरअसल, हिंदू धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि यदि बारिश करानी हो, तो मेंढक-मेंढ़की की शादी करने पर इंद्र देवता प्रसन्न होते हैं और वह खुश होकर बारिश करते हैं। ऐसे में प्रचंड गर्मी से निजात पाने को पहड़िया स्थित श्रीनगर कॉलोनी में डीह बाबा मंदिर में पूरे विधि-विधान से मेंढक और मेंढकी की शादी करके इंद्र देवता को प्रसन्न किया गया और उनसे जल्द से जल्द बारिश करने की प्रार्थना की गई।

यह शादी पूरे विधि-विधान से की गई। एक तरफ महिलाओं द्वारा गुट बनाकर ढोलक व मंजीरा के थाप पर शादी के गीत गाये तो वहीं दूसरी तरफ शादी को रस्मों को पुरा करते हुए सिंदूर दान कराया कराया गया। पुजारी ने मंत्रोचार के बीच दोनों की शादी कराइ गई।

बाकायदा चौकी पर मेंढक-मेंढकी को बैठाया गया। दोनों को चुनरी ओढाई गई। इसके बाद एक दंपत्ति ने दोनों का कन्यादान किया फिर एक के बाद एक रस्म अदा की गई और दोनों की शादी संपन्न हुई। सभी लोगों ने मेंढक और मेंढकी की शादी के बाद हाथ जोडकर इन्द्रदेव से बारिश कराने की कामना की।

गौरतलब है कि वाराणसी में इस समय प्रचंड गर्मी से आम जनमानस व्याकुल है। गर्मी का प्रकोप कब शांत होगा, इसका अंदाजा नहीं है। ऐसे में काशीवासी गर्मी से निजात पाने को तमाम तरह के प्रयत्न कर रहे हैं।