काशी में गंगा घाट पर दीप जलाकर रतन टाटा को दी श्रद्धांजलि, आत्मा की शांति के लिए मंत्रोच्चार 

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का वाराणसी से भी लगाव था। उनके निधन से काशीवासी भी मर्माहत हैं। अस्सी घाट पर गंगा किनारे दीप जलाकर रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही आत्मा की शांति के लिए बटुकों ने मंत्रोच्चार किया। वहीं दो मिनट का मौन रखकर मां गंगा से प्रार्थना की गई। 
 

वाराणसी। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का वाराणसी से भी लगाव था। उनके निधन से काशीवासी भी मर्माहत हैं। अस्सी घाट पर गंगा किनारे दीप जलाकर रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही आत्मा की शांति के लिए बटुकों ने मंत्रोच्चार किया। वहीं दो मिनट का मौन रखकर मां गंगा से प्रार्थना की गई। 

दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया- रतन टाटा को देश-विदेश से आए सैलानियों और मां गंगा के अन्यन भक्तों ने आज दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। उन्हें गंगा सेवा निधि की ओर से देव दीपावली के पावन मौके पर साल 2019 में चीफ गेस्ट का निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों की वजह से नहीं आ सके। देश के उस महान व्यक्ति को याद किया गया, जो देश के लिए निस्वार्थ भाव से लगे हुए थे। इस दौरान गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव व बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

वहीं अस्सी घाट पर जय मां गंगा सेवा समिति और ब्राम्हम राष्ट्र एकम द्वारा अस्सी घाट पर रतन टाटा को 51 दीप जलाकर विनम्र श्रद्धांजलि दी। पुरोहितों व बटुकों ने शांति मंत्र का जप करके उनके आत्मा की शांति के लिए मां गंगा से प्रार्थना की। समिति के यश चतुर्वेदी ने बताया कि रतन टाटा का देश के विकास में काफी अहम योगदान रहा है। गरीबों के लिए उन्होंने काफी काम किया है। एक ऐसे व्यक्ति के चले जाने से देश को काफी क्षति हुई है।