गणेश पूजन के साथ शुरू हुआ रामनगर की रामलीला के मुख्य स्वरूपों का प्रशिक्षण, 17 सितम्बर से शुरू होगी लीला
सर्वप्रथम विघ्नहर्ता गणेश और हनुमान जी के मुखौटे की पूजा की गई। इसके बाद रामलीला में काम आने वाले औजारों आदि की पूजा की गई। संवाद पुस्तिका की पूजा के बाद ब्राह्मणों ने एक एक संवाद का पाठन किया। इसके बाद पांच मुख्य स्वरूपों को तिलक लगा कर माला पहनाया गया और उन्हें दक्षिणा प्रदान की गई। उसके बाद पांच स्वरुपों की आरती करने के बाद प्रसाद वितरण के साथ पूजन का समापन हो गया।
इसी के साथ पांचों मुख्य स्वरूपों का लगभग तीन माह तक चलने वाला प्रशिक्षण शुरू हो गया। बुधवार से श्रीराम, भरत, जानकी, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की भूमिका निभाने वाले बालक रामलीला व्यास रघुनाथ दत्त के सानिध्य में बलुआ घाट स्थित धर्मशाला में रह कर संवादों को कंठस्थ करने के साथ भाव भागिमा का अभ्यास करेंगे। अब उन्हें उनके मूल नाम से न बुलाकर रामलीला के चारित्रिक नाम से पुकारा जाएगा।
पूजन के दौरान पंडित रामनारायण पाण्डेय, शांत नारायण पांडेय, योगेंद्र पाठक, संपत व्यास, रघुनाथ दत्त, मनोज श्रीवास्तव, चंद्रशेखर शर्मा पप्पू, हृदय नारायण पाण्डेय, कृष्ण चंद्र द्विवेदी, आशीष शेखर शर्मा, संतोष यादव, दयाशंकर प्रजापति, शिव पाठक समेत बड़ी संख्या में लीला प्रेमी भी मौजूद रहे ।