काशी में 10 वर्षों में पर्यटन चढ़ा परवान, 171 करोड़ की 87 परियोजनाओं को दिया मूर्तरूप
वाराणसी। देश की धार्मिक व सांस्कृतिक राजधानी काशी में एक दशक में पर्यटन परवान चढ़ा है। मंदिरों, घाटों से लेकर पर्यटन से जुड़े स्थलों का कायाकल्प हुआ। इसकी वजह से काशी में पर्यटकों की तादाद तेजी से बढ़ी। इससे न सिर्फ काशी में रोजगार से अवसर बढ़े, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ हुआ।
बीते दस वर्षों में 171.30 करोड़ रुपये खर्च कर 87 परियोजनाओं को मूर्तरूप दिया है। इनमें से 59.42 करोड़ रुपये से 37 परियोजनाएं पूरी की गई हैं।
उप निदेशक पर्यटन आरके रावत ने बताया कि मौजूदा समय में पर्यटन विकास के तहत काशी में पावनपथ के मंदिरों, तालाबों, रामनगर शास्त्रीय घाट, जैन तीर्थंकर चंद्र प्रभु की जन्मस्थली चंद्रावती का काम जारी है।
सारंगनाथ मंदिर, मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम का सौंदर्यीकरण, राही पर्यटन आवास गृह, सारनाथ में भूतल पार्किंग, तेलियाना घाट पर निषादराज की प्रतिमा, मांडवी कुंड व गणेश मंदिर, हेलिपैड आदि कार्य भी निर्माणाधीन हैं। उन्होंने बताया कि 111.88 करोड़ रुपये की लागत से 50 से अधिक पर्यटन विकास के कार्य कराए जा रहे हैं। इनके पूरे होने के बाद काशी की तस्वीर और बदल जाएगी।