ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी का जश्न, पौधारोपण अभियान में रोपे जाएंगे सिंदूर के पौधे, वन संरक्षक की मीटिंग में बनी रणनीति 

वन विभाग वाराणसी वृत्त की ओर से आगामी पौधारोपण महाभियान-2025 की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक सारंग सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता वन संरक्षक डॉ. रवि कुमार सिंह ने की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पौधारोपण महाअभियान 1 जुलाई से 15 अगस्त तक चलाया जाएगा, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ समाज की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।
 

वाराणसी। वन विभाग वाराणसी वृत्त की ओर से आगामी पौधारोपण महाभियान-2025 की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक सारंग सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता वन संरक्षक डॉ. रवि कुमार सिंह ने की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पौधारोपण महाअभियान 1 जुलाई से 15 अगस्त तक चलाया जाएगा, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ समाज की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।

इस बार की विशेष पहल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पूरे वाराणसी जिले में सिंदूर के पौधे रोपे जाएंगे। इस विशेष अभियान का नोडल प्रभार गंगा टास्क फोर्स वाराणसी को सौंपा गया है, जो विशेष रूप से शौर्य जंगल स्थल पर वृक्षारोपण सुनिश्चित करेगी। वन संरक्षक ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत न केवल पौधे लगाए जाएंगे, बल्कि उनके संरक्षण के लिए अटल वन, एकता वन, एकलव्य वन, ऑक्सी वन, शौर्य वन, गोपाल वन, त्रिवेणी वन, विरासत वृक्ष वाटिका, पवित्र धारा वृक्षारोपण, एक्सप्रेस वन, खाद्य वन, ग्राम वन, मित्र वन, शक्ति वन, युवा वन और बालवन जैसे विशिष्ट वनों की स्थापना की जा रही है।

एक अन्य प्रमुख योजना ‘सहजन भंडारा’ के तहत आमजन को निःशुल्क पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर पर्यावरण जागरुकता को बढ़ावा देना और पौधरोपण को जनआंदोलन बनाना है। बैठक में यह भी तय किया गया कि पौधारोपण महाअभियान के दौरान विश्व योग दिवस (21 जून), विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस, विश्व बाघ दिवस और जंगल महोत्सव जैसे महत्वपूर्ण दिवसों को भी उत्साहपूर्वक मनाया जाएगा। इन कार्यक्रमों में जनसहभागिता को प्रमुखता दी जाएगी।

समीक्षा बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी स्वाति सहित अनेक सामाजिक एवं गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इन संगठनों में सृजन सामाजिक संस्थान, रोटरी क्लब, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया, यंग इंडिया सीआईआई, लोक भारती, स्यान फाउंडेशन, भीरा फाउंडेशन, एफपीओ वेस इंडिया, वरुण सेवा ट्रस्ट और नमामि गंगे गंगा विचार मंच जैसे संस्थान शामिल थे।