बनारस में ‘तितली गैंग’ का भंडाफोड़, दो शातिर गिरफ्तार, तीन की तलाश जारी, लग्ज़री लाइफ जीने के लिए बनाया था गैंग
वाराणसी। कमिश्नरेट के सिगरा थाने की पुलिस ने रविवार को तितली गैंग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। साथ ही तीन और सदस्यों की पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस ने उनके पास से 58 ग्राम के सोने के गहने, एक R15 बाइक व दो एंड्राइड फोन व चोरी के माल बेचने पर मिले 44 हजार 500 रुपए बरामद किया है। घटना का खुलासा डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल ने किया। पुलिस आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही में जुटी रही।
डीसीपी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त सनी धरकार लालपुर पांडेयपुर थाना अंतर्गत सायामाता कॉलोनी व समीर सोनकर लंका थाना अंतर्गत भगवानपुर के रहने वाले हैं। दोनों के खिलाफ कमिश्नरेट के विभिन्न थानों में कई केस दर्ज हैं। दोनों का आपराधिक इतिहास काफी लम्बा है। इन्होंने लग्ज़री लाइफ बिताने के लिए चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया और एक गैंग बनाकर इसे संचालित करने लगे। तितली गैंग में शामिल होने वाले शातिर चोर चोरी के बाद अय्याशी करने के लिए देश के विभिन्न पर्यटन स्थल पर चले जाते। पकड़े गए दो सदस्यों को लेकर पुलिस ने बताया कि विगत दो महीने पहले सिगरा में एक घर में चोरी के बाद चोर मनाली घूमने के लिए गए थे। चोरी के पैसों से शातिर चोरों ने लाखों रुपए कीमती दो R15 बाइक भी खरीदी।
डीसीपी ने बताया कि शातिर चोरों ने विगत जून के महीने में सिगरा थाना क्षेत्र चंद्रिका नगर कालोनी में एक घर को निशाना बनाया। घर के सदस्य गर्मी की छुट्टियों में गाजियाबाद गए हुए थे, जब वह वापस आए तो उन्हें पता चला कि उनके घर में चोरी हुई है। चोरों ने घर से करीब 4 लाख रुपए नगद के अलावा लाखों रुपए कीमती परिवार के पुस्तैनी ज्वेलरी लेकर फरार हो गए। पुलिस इन चोरों को पकड़ने के लिए क्राइम टीम के साथ जुट गई। डीसीपी ने बताया कि चोरों की पहचान सीसीटीवी कैमरे से की गई थी, इस दौरान मुखबिर की सूचना पर इन्हें सिगरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया, तो इनके द्वारा गैंग बनाकर चोरी किए जाने का मामला प्रकाश में आया।
अभियुक्तों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि इन लोगों ने पहले भी चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। चोरों ने बताया कि गैंग में शामिल होने के बाद जब सदस्य पूरी तरह सक्रिय होकर कार्य करने लगाता है और गैंग का पुख्ता सदस्य बन जाता है, तब गैंग के लिए उसे अपने सीने पर एक खास टैटू बनवाना होता है। इस टैटू के माध्यम से ही इनके गैंग के सदस्यों की पहचान होती थी।
आरोपियों की गिरफ़्तारी करने वाली पुलिस टीम में सिगरा इंस्पेक्टर मनोज कुमार मिश्रा, सीनियर सब इंस्पेक्टर द्वय मनोज कुमार मिश्र, विवेक कुमार त्रिपाठी, नगर निगम चौकी प्रभारी रोहित तिवारी, एसआई मनोज चौहान, काशी जोन क्राइम टीम प्रभारी द्वय शैलेन्द्र सिंह, पीयूष प्रताप सिंह, कांस्टेबल मृत्युंजय सिंह, कांस्टेबल चिन्ताहरण, हेड कांस्टेबल रविन्द्र सिंह, कांस्टेबल सूरज कुमार भारती, कांस्टेबल वीरेन्द्र यादव, कांस्टेबल अखिलेश कुमार पटेल, कांस्टेबल शैलेन्द्र सिंह व कांस्टेबल मयंक भूषण शामिल रहे।