काशी में तीन दिवसीय आध्यात्मिक समागम का शुभारंभ, प्रथम दिन महारूद्र और शतचंडी यज्ञ के साथ हुआ वैदिक मंत्रोच्चारण
वाराणसी। दक्षिण भारत की प्रसिद्ध धार्मिक संस्था विशाखा शारदा पीठम के ओर से शिवाला स्थित चेत सिंह किला परिसर में तीन दिवसीय आध्यात्मिक समागम का आयोजन किया गया है। इस समारोह की शुरुआत रविवार को भव्य महारूद्र और शतचंडी यज्ञ के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच हुई।
इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विशाखा शारदा पीठम के उत्तराधिकारी, स्वामी स्वात्मानन्देन्द्र सरस्वती महाराज ने बताया कि इस समागम का आयोजन राष्ट्र की सुख-समृद्धि, शांति और लोककल्याण की कामना के लिए महास्वामी स्वरूपानन्देन्द्र सरस्वती महाराज के आशीर्वाद से किया गया है। कर्नाटक से आए आचार्य केशव अवधानी की अगुवाई में प्रातः 9:00 बजे महारूद्र और शतचंडी यज्ञ का संकल्प लिया गया।
समागम में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच राजश्यामला देवी की विशेष आराधना एवं श्री वल्ली कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया। इसके बाद सत्य राजा हरिश्चन्द्र के जीवन पर आधारित एक नाटक का मंचन किया गया। शाम को गंगा में सामूहिक दीपदान का भव्य आयोजन भी किया गया।
इस कार्यक्रम में देशभर के कई प्रमुख संतों और महंतों के साथ-साथ काशी और दक्षिण भारत के लगभग 200 वैदिक विद्वान उपस्थित हैं। कार्यक्रम में हैदराबाद एन सी एल टी के जस्टिस बद्रीनाथ, आंध्रा आश्रम के ट्रस्टी वीवी सुन्दर शास्त्री, वाराणसी के शारदा पीठम के प्रबंधक पी किशोर कुमार, कांची मठ के प्रबंधक वी सुब्रमण्यम मणि, टी गजानन जोशी और सी बी सुब्रमण्यम जैसे कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए हैं।